राजस्थान में बेरोजगारी की मार - रवींद्र सिंह भाटी

राजस्थान में बेरोजगारी की मार - रवींद्र सिंह भाटी

 जयपुर। शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में युवा मामलों पर बोलने के लिए खड़े हुए और अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, "सम्पूर्ण राष्ट्र में भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है। बहादुरी, परंपरा, मेहनतकश किसान, औद्योगिक और पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान बेहद महत्वपूर्ण है। पर वर्तमान में हमने किसमें टॉप किया है? बेरोजगारी दर में।"

भाटी ने जोर देकर कहा कि जहां राष्ट्र की बेरोजगारी दर 8 से 9 प्रतिशत है, वहीं राजस्थान में यह दर 27% तक पहुंच चुकी है। इसका प्रमुख कारण प्रदेश में कोई यूथ पॉलिसी न होना है।

भाटी ने कहा, "आती-जाती सरकारों की हवा-हवाई मीठी बातों और झूठे वादों में अगर युवाओं का वक्त बर्बाद करेंगे, तो आने वाला वक्त आपको, हमे, प्रदेश की शांति, प्रगति की आशाओं और सामाजिक सौहार्द को बर्बाद कर देगा। प्रदेश के युवा रोजगार के मामले में बद से बदतर स्थिति में हैं।"

भाटी ने राहत इंदौरी की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा, "कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए, चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है।" उन्होंने कहा कि सरकार को अब युवाओं की रोजगार की, रोटी, कपड़ा और आशियाने की छोटी-छोटी आशाओं को बड़ी-बड़ी बातों और वादों में उलझाने का वक्त नहीं है। अब प्रतिबद्धता दिखाने का, ठोस योजना, लिखित दस्तावेज़ और समयसीमा में क्रियान्वयन का वक्त है।

भाटी ने बताया कि राजस्थान की 8.5 करोड़ की आबादी में से 88 लाख युवा बेरोजगार हैं। 2.5 करोड़ युवा अभी 18 साल से कम उम्र के हैं, और अगले 5 साल में 70 लाख युवा और जुड़ जाएंगे, जिससे बेरोजगारी की संख्या 1.5 करोड़ तक पहुंच सकती है। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या हमारी सरकार की सोच में कमी है? नहीं, कमी है प्रतिबद्धता की।"

उन्होंने कहा कि राजस्थान के अलावा छोटे-छोटे राज्यों में भी यूथ पॉलिसी है, जैसे असम, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर। लेकिन हमारे पास युवाओं के भविष्य के लिए कोई योजना क्यों नहीं है? उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अब वक्त है प्रतिबद्धता दिखाने का, ठोस योजना, लिखित दस्तावेज और समयसीमा में क्रियान्वयन का।

भाटी ने कहा कि वर्तमान बजट में सरकार ने पांच सालों में चार लाख नौकरियां देने का वादा किया है, लेकिन इन भर्तियों का विभागवार और पदों का कोई वर्गीकरण नहीं है। न ही कोई यूथ पॉलिसी जैसा दस्तावेज है।

भाटी ने सरकार से कहा, "आपने चार लाख पदों की घोषणा तो कर दी, लेकिन क्या ये पद पूरी होंगे? इसकी कोई लिखित गारंटी नहीं है। मात्र 4 लाख नौकरियों से 1.5 करोड़ बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया जा सकता है। इसके लिए प्राईवेट क्षेत्र में रोजगार के लिए, खेल क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र आदि में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए हमारे पास विजन होना चाहिए, ठोस पोलिसी होनी चाहिए, जो कि नदारद है।"

उन्होंने कहा, "हमारे पास कोयला, विंड, खनिज पदार्थ, रिफाइनरी जैसे रोजगार के भरपूर संसाधन होने के बावजूद हम बेरोजगारी में शीर्ष पर हैं। यह अत्यंत चिंता का विषय है।"

भाटी ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि प्राथमिकता के साथ इस मुद्दे को संज्ञान में लेकर प्रदेश के युवाओं के लिए एक यूथ पॉलिसी डॉक्यूमेंट बनाकर सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा, "अगर आपको मेरी प्रतिबद्धता पर भरोसा नहीं है, तो मुझे बताएं, अगले 72 घंटे में मैं प्रदेश के युवाओं के भविष्य और रोजगार संबंधी पॉलिसी का ड्राफ्ट आपको आधिकारिक रूप से दे दूंगा। पर फिर सरकार को वह लागू करना पड़ेगा।"