रविंद्र सिंह भाटी ने सदन में ऐसा क्या कहां आदिवासियों के लिए !

रविंद्र सिंह भाटी ने सदन में ऐसा क्या कहां आदिवासियों के लिए !

गुरुवार को रवींद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास व माँग एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता के मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदन के सामने अपने विचार रखें। भाटी ने शुरुआत करते हुए कहा की बाड़मेर, जैसलमेर एवं बलोतरा में मँगनियार, लंगा, दमामी एवं मिरासी समाज है जो की शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक कहीं न कहीं हर तौर पर सक्षम नहीं है और आज ज़रूरत है की हम सब मिलकर इन तमाम लोगों को मुख्य धारा में लेकर आयें। साथ ही समस्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जातियों के लोगों के पास आज के समय में उनके पास कोई भी तरीके की भूमि नहीं है। भाटी ने कहा की यह सब समाज हमारे अपने है और ये लोग कहीं गौचर में बैठे है या सरकारी ज़मीनों पर बैठे है, ऐसे समस्त लोगों को मुख्यधारा में लाने का दायित्व सभी सदस्यों का है। भाटी ने कहा की समस्त जितनी भी पशुपालक एवं घुमंतू जातियाँ है उनके लोग अपना जीवन यापन करने के लिए दूर दराज़ के क्षेत्रों में जाते है जिसके कारण उनके बच्चे एवं उनकी आने वाली पीढ़ियाँ शिक्षा से वंचित रह जाति है ऐसे में इन सभी को मुख्य धारा में लाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए। भाटी ने कहा की विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में नए छात्रावासों की ज़रूरत है। भाटी ने सामाजिक न्याय मंत्री से निवेदन किया की वह नए छात्रावासों के लिए एक विशेष पैकेज पश्चिमी राजस्थान को प्रदान करे। साथ ही साथ उन्होंने समबन्धित मंत्री से निवेदन किया की भील समाज एवं नायक समाज एक ही है पर उन्हें अलग-अलग केटेगरी में डाल रखा है, इन सभी को एक साथ किए जाने की ज़रूरत है। भाटी ने सरकार के सामने माँग राखी की अनुसूचित जाति की ही तर्ज़ पर भील समाज को भी कृषि विद्युत कनेक्शन में वरीयता दी जानी चाहिए। भाटी ने कहा की ये तमाम लोग ग्रामीण परिवेश से आते है और खेती के अलावा इनके पास ज़्यादा कोई कमाई के साधन है नहीं ऐसे में मुख्य धारा में उन्हें लाने के लिए यह आवश्यक है। भाटी ने कहा की टाडा-माडा जैसी योजनाओं को बाड़मेर जैसलमेर और बलोतरा में रहने वाले तमाम वंचित सोषित परिवारों के विकास के लिए यह विशेष योजना शुरू करनी बहुत आवश्यक है। 

मल्टी नेशनल कंपनियों के बहाने भाटी ने जातिवाद पर साधा निशाना।

भाटी ने पश्चिमी राजस्थान की बात करते हुए कहा की आज की समय में उनके क्षेत्र में ऐसी खूब सारी चीज़ें है जिससे वह इन तमाम लोगों को मुख्यधारा में ला सकते है। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की उन्हें इस बात का दुख है की चंद लोगों का तमाम मल्टी नेशनल कंपनियों पर अधिकार हो गया जिस कारण यह तमाम लोग सब कुछ होने के बाद भी आज आभावों में जीने को मजबूर है। उन्होंने कहा की आज के समय में आर्थिक रूप से एक आर्थिक सामंतवाद पश्चिमी राजस्थान में आ चुका है। उन्होंने कहा की चंद वोट के लिए एक समाज को दूसरे समाज से लड़ाने की एक नई प्रथा कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई है जो की निंदनीय है। 

सदन जी गरीमा बनाए रखने का किया निवेदन 

रवींद्र सिंह भाटी ने अपने वक्तव्य में कहा की वह सदन में उम्र के अनुसार सबसे छोटे है, लेकिन जब तमाम लोग, आने वाली पीढ़ी और युवा साथी सदन की गरिमा को यूँ तार-तार होते हुए देखते है जो बाहर बड़ी उम्मीद लगा रहे है की तमाम जान प्रतिनिधि सदन में कुछ अच्छी बात करेंगे एवं उनके भविष्य और विकास की बात करेंगे, उनपर यह सब देखने के बाद क्या गुज़रती होगी।