वार्षिक उत्सव "संकल्प: बदलाव का वादा" में सामाजिक सुधार की अनूठी झलक

वार्षिक उत्सव "संकल्प: बदलाव का वादा" में सामाजिक सुधार की अनूठी झलक

वदंता इंटरनेशनल स्कूल ने अपने परिसर में "संकल्प: बदलाव का वादा" थीम पर वार्षिक समारोह का आयोजन कर समाज में बदलाव की पुकार को बुलंद किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें मुख्य अतिथियों और स्कूल निदेशक ने सम्मिलित होकर शुभारंभ किया।

उत्कृष्ट छात्रों का सम्मान
समारोह में सीबीएसई बोर्ड के मेधावी छात्रों और खेल चैंपियनों को विशेष सम्मान दिया गया। यह आयोजन न केवल शिक्षा बल्कि खेल और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी छात्रों की उपलब्धियों को दर्शाने का मंच बना।

गणेश वंदना से सांस्कृतिक यात्रा की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसमें "गणपति बप्पा मोरया" की मंत्रोच्चार के साथ वातावरण को पवित्र कर दिया गया। मंच पर पारंपरिक और भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

नन्हे कलाकारों ने मोहा मन
मिकी माउस की हरकतों की नकल करते हुए बच्चों ने "बूम बूम" और "टोका टोका" पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी मासूमियत और ऊर्जा ने उपस्थित सभी को आनंदित कर दिया।

महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर जोर
महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक सशक्त अभिनय ने दर्शकों को प्रेरित किया। संवादों और प्रदर्शनों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि समाज तभी प्रगति करता है जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं। एक और नाटक ने शिक्षा के महत्व को उजागर करते हुए माता-पिता से सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

परिवार और यातायात सुरक्षा का संदेश
"पैरेंटिंग: ए कलेक्टिव सिम्फनी" नामक नाटक में पारिवारिक मूल्यों की खूबसूरत झलक देखने को मिली। यातायात नियमों पर आधारित एक हास्यप्रद नाटक ने सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी को प्रभावी ढंग से रेखांकित किया।

जलवायु परिवर्तन और स्वच्छता पर संदेश
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों पर आधारित प्रस्तुति ने धरती माता की रक्षा की आवश्यकता को बल दिया। "स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत" का संदेश मंच पर गूंजा, जिसमें स्वच्छता को जीवनशैली के रूप में अपनाने की अपील की गई।

सोशल मीडिया के प्रभाव पर चिंतन
सोशल मीडिया के प्रभाव पर आधारित नाटक ने उपस्थित लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि डिजिटल युग में कैसे संबंध टूटते और बनते हैं।

सामूहिक प्रगति का संकल्प
कार्यक्रम का समापन "मिले सुर मेरा तुम्हारा" के साथ हुआ। स्कूल निदेशक श्री नरेश यादव ने अपने भाषण में कहा कि "संकल्प" केवल एक वार्षिक उत्सव नहीं, बल्कि एक आह्वान है - बदलाव को अपनाने और समाज में प्रगति की लौ जलाने का।

यह वार्षिक उत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि सामाजिक सुधार, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और स्वच्छता जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन चिंतन का भी अवसर प्रदान किया।