आंगन फाउंडेशन की प्रथम वर्षगांठ: आस्था, श्रद्धा और सामूहिकता का अनूठा संगम!  

आंगन फाउंडेशन की प्रथम वर्षगांठ: आस्था, श्रद्धा और सामूहिकता का अनूठा संगम!  

आंगन फाउंडेशन परिवार ने अपनी स्थापना की पहली वर्षगांठ को धार्मिकता और सामूहिकता के भाव से यादगार बनाया। इस अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ की यात्रा आयोजित की गई, जिसमें 51 श्रद्धालुओं ने अपनी सहभागिता दिखाई। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभवों से समृद्ध थी, बल्कि इसमें संगठन, समर्पण और प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया।  

यात्रा की शुरुआत:  
23 जनवरी को जयपुर के गलता गेट से आंगन फाउंडेशन परिवार ने अपनी महाकुंभ यात्रा की शुरुआत की। हर यात्री आंगन फाउंडेशन द्वारा प्रदान की गई कैप और आईडी कार्ड के साथ सुसज्जित था। यह न केवल सभी यात्रियों की पहचान का माध्यम बना, बल्कि एकता और समूह का भी प्रतीक था। कैप और आईडी कार्ड ने यात्रा के दौरान हर यात्री को समूह से जोड़े रखा।  

यात्रा के शुभारंभ में फाउंडेशन के अध्यक्ष गोविंद नाटाणी, कोषाध्यक्ष शिव कृष्ण गुप्ता, उपाध्यक्ष केशव पीतलिया, और अन्य प्रमुख सदस्यों ने यात्रियों का उत्साहवर्धन किया। सभी ने एक साथ बस में बैठकर उत्साहपूर्वक भजन और कीर्तन के साथ यात्रा की शुरुआत की।  

महाकुंभ और त्रिवेणी संगम का अनुभव : 
प्रयागराज पहुंचने के बाद, सभी यात्री महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए त्रिवेणी संगम पहुंचे। संगम में स्नान का अनुभव हर यात्री के लिए आत्मिक शांति और आनंद से परिपूर्ण था। संगम के पवित्र जल में स्नान करते हुए यात्रियों ने अपने पापों का प्रायश्चित किया और जीवन को नई ऊर्जा से भर लिया।  

संगम स्नान के बाद, सभी यात्री श्री श्री 1008 श्री रामरतन दास जी महाराज के अखाड़े में पहुंचे। वहां महाराज जी के सानिध्य में सभी ने प्रसादी ग्रहण की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अनुभव ने यात्रियों के मन में भक्ति का भाव और अधिक गहराई से भर दिया।  

सरयू नदी और अयोध्या की यात्रा : 
अगले दिन आंगन फाउंडेशन की टीम ने सरयू नदी के तट पर स्नान किया। इस धार्मिक यात्रा का यह पड़ाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। सरयू के निर्मल जल में स्नान करते हुए सभी यात्रियों ने शांति और पवित्रता का अनुभव किया।  

सरयू स्नान के बाद, यात्री अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन के लिए रवाना हुए। रामलला के दर्शन के दौरान हर यात्री की भक्ति का भाव देखते ही बनता था। इसके पश्चात सभी ने अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। भव्य मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए श्रद्धालुओं ने भक्ति और सेवा के नए आयामों को महसूस किया।

सामूहिकता और व्यवस्था का उदाहरण:  
पूरी यात्रा के दौरान आंगन फाउंडेशन परिवार ने अपने उत्कृष्ट प्रबंधन से यह सुनिश्चित किया कि सभी यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।  

कैप और आईडी कार्ड का उपयोग:
   आंगन फाउंडेशन द्वारा दी गई कैप और आईडी कार्ड ने समूह को एकता के सूत्र में बांधे रखा। यदि कोई यात्री भीड़ में पीछे रह जाता, तो उसकी कैप उसे पहचानने में मदद करती। यात्रियों ने इसे “गूगल मैप की तरह काम करने वाला” बताया।  

खाद्य और पेय की व्यवस्था:
   यात्रा के दौरान चाय, नाश्ता, भोजन और प्रसादी की समुचित व्यवस्था थी। इस कार्य के लिए एक अनुभवी हलवाई भी टीम के साथ था। हर यात्री को घर जैसा स्वादिष्ट और स्वच्छ भोजन प्राप्त हुआ।  

सुरक्षा और प्रबंधन: 
   आंगन फाउंडेशन की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि हर यात्री सुरक्षित रहे। टीम के सदस्य लगातार समूह के आगे और पीछे चलते रहे, ताकि किसी यात्री को कोई समस्या न हो।  

आशीर्वाद और सम्मान:  
   यात्रा की समाप्ति पर सभी यात्रियों को आंगन फाउंडेशन द्वारा **प्रशस्ति पत्र** और प्रसाद वितरित किया गया। इस कदम ने यात्रियों को सम्मानित और प्रेरित महसूस कराया।  

आंगन फाउंडेशन की सराहना: 
यात्रा के अंत में सभी यात्रियों ने आंगन फाउंडेशन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की भरपूर सराहना की। सभी ने यह माना कि यात्रा के दौरान किए गए प्रबंधन ने हर व्यक्ति को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आनंदित महसूस कराया।  

यात्रियों ने यह भी कहा कि इस यात्रा ने न केवल धार्मिक अनुभवों को समृद्ध किया, बल्कि फाउंडेशन के साथ एक गहरा संबंध भी स्थापित किया। हर यात्री ने फाउंडेशन की टीम की योजना, समर्पण और प्रबंधन की प्रशंसा की।  

आंगन फाउंडेशन: एक नई शुरुआत : 
यह यात्रा आंगन फाउंडेशन के लिए एक नई शुरुआत साबित हुई। अध्यक्ष गोविंद नाटाणी ने कहा,  
हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को आध्यात्मिक अनुभव और सामूहिकता का आनंद मिले। यह यात्रा हमारी टीम की प्रतिबद्धता और यात्रियों के सहयोग का प्रतीक है। भविष्य में हम इसी प्रकार की और यात्राएं आयोजित करेंगे।

यात्रा का समापन : 
26 जनवरी को शाम 5 बजे, सभी यात्री गलता गेट पर पहुंचे। यहां यात्रा का समापन हुआ। यात्रा की सफलता ने आंगन फाउंडेशन परिवार के सदस्यों को और भी प्रेरित किया। इस यात्रा ने न केवल धार्मिकता का अनुभव कराया, बल्कि यात्रियों के बीच आपसी सौहार्द और संगठन की भावना को भी प्रबल किया।  

आंगन फाउंडेशन की इस यात्रा ने यह साबित किया कि धार्मिक यात्राएं न केवल भक्ति का माध्यम हैं, बल्कि सामूहिकता, सेवा और समर्पण के भी प्रतीक हैं। यह यात्रा यात्रियों के लिए यादगार बन गई और फाउंडेशन की प्रतिष्ठा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।  

आंगन फाउंडेशन का यह प्रयास समाज को यह संदेश देता है कि एकता, भक्ति और सेवा से हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

पवन कुमार शर्मा, 
वरिष्ठ पत्रकार।