जयपुर और उदयपुर का सिटीज 2.0 में चयन, स्मार्ट सिटी परियोजना को मिलेगी नई दिशा!

जयपुर और उदयपुर का सिटीज 2.0 में चयन, स्मार्ट सिटी परियोजना को मिलेगी नई दिशा!

जयपुर।

भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित सिटी इन्वेस्टमेंट टू इन्नोवेट, इंटीग्रेटेड एंड सस्टेन चैलेंज (CITIIS 2.0) कार्यक्रम के तहत जयपुर और उदयपुर का चयन किया गया है। यह कार्यक्रम देशभर के 100 स्मार्ट सिटीज में से 18 शहरों को चुनकर उन्हें पर्यावरणीय दृष्टि से उन्नत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

इस योजना के तहत जयपुर और उदयपुर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की मंजूरी दी गई है। इस परियोजना की 80% राशि अनुदान के रूप में AFD (Agence Française de Développement), KfW (Kreditanstalt für Wiederaufbau) और EU (European Union) के माध्यम से ऋण स्वरूप में उपलब्ध कराई जाएगी। इस अनुदान की 50% राशि केंद्र सरकार और 50% राशि राज्य सरकार द्वारा ब्याज सहित चुकाई जाएगी। इसके अतिरिक्त शेष 20% लागत राज्य सरकार, स्थानीय नगरीय निकाय (ULB) या स्मार्ट सिटी द्वारा वहन की जाएगी

यह परियोजना शहरों को और अधिक स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे स्मार्ट सिटी मिशन को और मजबूती मिलेगी

CITIIS 2.0 के तहत जयपुर और उदयपुर में क्या होगा खास?

CITIIS 2.0 का उद्देश्य शहरी विकास को सतत और नवाचारपरक तरीके से आगे बढ़ाना है। इस योजना में मुख्य रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित शहरी गतिशीलता (ग्रीन अर्बन मोबिलिटी) और जल संसाधन प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएँ शामिल हैं। जयपुर और उदयपुर में इस परियोजना के तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार:

  • स्वच्छता और कचरा निस्तारण की प्रभावी प्रणाली विकसित की जाएगी।
  • रीसाइक्लिंग और कचरे के पुनः उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • घर-घर से कचरा एकत्र करने और उसके वैज्ञानिक निपटान की बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी।

सर्कुलर अर्थव्यवस्था का समर्थन:

  • कचरे को पुनः उपयोग करने की रणनीतियाँ विकसित की जाएंगी
  • प्लास्टिक और अन्य हानिकारक अपशिष्टों को नियंत्रित करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
  • कचरा प्रबंधन में स्मार्ट तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

पर्यावरणीय सततता:

  • हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) और नवाचार आधारित परियोजनाएँ शुरू की जाएंगी।
  • शहर में खुले स्थानों और हरित क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा
  • स्थानीय निवासियों को अपशिष्ट प्रबंधन में जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। 

जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने किया MOU साइन

जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने CITIIS 2.0 कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ एक समझौते (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं

यह एमओयू जयपुर द्वारा मेज़बानी की गई "रीजनल 3R एंड सर्कुलर इकोनॉमी फोरम इन एशिया एंड पैसिफिक" की 12वीं बैठक के दौरान साइन किया गया। इस महत्वपूर्ण समझौते के तहत विभिन्न सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इस परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख अधिकारी

इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख अधिकारी निम्नलिखित हैं:

रूपा मिश्रा – जॉइंट सेक्रेटरी, स्वच्छ भारत मिशन एवं मिशन डायरेक्टर, स्मार्ट सिटी मिशन
श्वेता चौहान – डायरेक्टर, स्वच्छ भारत मिशन (अर्बन)
रुक्मणी रियार – आयुक्त, नगर निगम जयपुर ग्रेटर
अरुण कुमार हसीजा – आयुक्त, नगर निगम जयपुर हैरिटेज एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जयपुर स्मार्ट सिटी

इस मौके पर भारत सरकार के आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राजस्थान सरकार के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी उपस्थित थे।

जयपुर और उदयपुर को क्या फायदे होंगे?

CITIIS 2.0 योजना से जयपुर और उदयपुर को स्वच्छता, पर्यावरण और स्मार्ट सिटी विकास में कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे:

शहर की स्वच्छता में सुधार होगा।
कचरे के वैज्ञानिक निपटान से प्रदूषण कम होगा।
पुनर्चक्रण और अपशिष्ट प्रबंधन से सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
हरित शहरी गतिशीलता (ग्रीन अर्बन मोबिलिटी) के तहत स्वच्छ और सतत परिवहन सुविधाएँ विकसित होंगी।
शहर में हरित क्षेत्रों (ग्रीन स्पेसेज) का विस्तार होगा।

राजस्थान सरकार की क्या योजना है?

राजस्थान सरकार CITIIS 2.0 योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

नगर निगमों के सहयोग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उन्नत सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों से फंडिंग ली जा रही है।
सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है।

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जयपुर और उदयपुर को "स्वच्छ, हरित और स्मार्ट शहर" बनाया जाए और यह योजना उसी दिशा में एक ठोस कदम है।

जयपुर और उदयपुर का CITIIS 2.0 में चयन राजस्थान के शहरी विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस योजना से शहरों की स्वच्छता, पर्यावरणीय सुधार और स्मार्ट सिटी मिशन को मजबूती मिलेगी

यदि इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो जयपुर और उदयपुर जल्द ही भारत के सबसे स्वच्छ और हरित स्मार्ट शहरों में शामिल हो सकते हैं।
सरकार, स्थानीय प्रशासन और जनता के संयुक्त प्रयासों से यह परियोजना एक मिसाल बन सकती है।