प्रमोद सावंत ने गोवा का भूवैज्ञानिक-खनिज मैप किया जारी
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता हटते ही गोवा में विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है. प्रमोद सावंत के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार तय अवधि में विकास कार्यों को पूरा करने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसमें मुख्यमंत्री सावंत ने राज्य का भूवैज्ञानिक और खनिज मानचित्र जारी किया. मुख्यमंत्री ने नीलाम हो चुके 9 खनन ब्लॉकों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली. इस दौरान विभिन्न कंपनियों समेत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग, वन विभाग आदि के अधिकारी भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण को पर्यावरण संबंधी मंजूरी देने की प्रक्रिया को तय अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए.
उम्मीद है कि इस साल सितंबर-अक्टूबर तक लगभग 3-4 खदानें चालू हो जाएंगी. मुख्यमंत्री ने शिरगांव के नीलामी पट्टा धारक को लइराई देवी मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को नीलामी से बाहर रखने के भी निर्देश दिए. बैठक के एजेंडे में राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) द्वारा वित्तपोषित खनन पट्टों की खोज समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. खनिज वर्गीकरण के लिए प्रयोगशालाएं शुरू कर खान एवं भूविज्ञान निदेशालय को और सशक्त करने पर भी जोर दिया गया. यही नहीं, यह भी तय हुआ कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण एनएमईटी फंड का उपयोग करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने में खान एवं भूविज्ञान निदेशालय की मदद करेगा. इसके अतिरिक्त, जीएसआई आगामी नीलामी के लिए निर्धारित खनिज ब्लॉकों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.