जय किसान आंदोलन का राज्य अधिवेशन शुरू

जय किसान आंदोलन के बैनर तले झुंझुनू के लोहार्गल में आज से राज्य स्तरीय अधिवेशन की शुरुआत हो गई है। यादव धर्मशाला के प्रांगण में आयोजित इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की शुरुआत रतन सिंह शेखावत के झंडारोहण के साथ हुई।
इसके बाद देशभर में शहीद हुए किसानों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया, जिससे माहौल भावुक हो उठा. कार्यक्रम की पहली औपचारिक बैठक की अध्यक्षता अजमेर जिला अध्यक्ष किशन सिंह राठौड़ ने की। इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता रामचंद्र कुलहरी ने किसानों के मौजूदा हालात और आंदोलन की दिशा पर सारगर्भित वक्तव्य दिया। मंच पर इस दौरान मदन सिंह यादव, गिरधारी महला, गोविंदराम जेवेदिया और मनफूल सिंह भी उपस्थित रहे. जय किसान आंदोलन के संस्थापक और देश के प्रमुख किसान नेताओं में से एक योगेंद्र यादव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा: “आने वाले समय में किसान संगठनों की भूमिका निर्णायक होगी। जय किसान आंदोलन सिर्फ़ एक संगठन नहीं, एक नई राजनीतिक चेतना है.
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जय किसान आंदोलन आगे भी संघर्ष, सेवा और संगठन के तीन स्तंभों पर आगे बढ़ता रहेगा. राज्य एडवोकेट शंकर यादव ने अधिवेशन में राज्य रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने गंभीर विचार और चर्चाएँ कीं। इस सत्र में कैलाश यादव ने अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में विमल यादव, रमन यादव, नागौर से हनुमान राम चौधरी, और बाड़मेर से वीर चक्र विजेता जयराम सिंह पूनाराम चौधरी जैसे किसान आंदोलन के सशक्त चेहरे शामिल हुए. महिलाओं की भागीदारी भी रही उल्लेखनीय – हरि सिंह बुरड़क, प्रियंका ओला, प्रियंका तंवर, और नवरंग दूत जैसे नाम मंच पर उपस्थित रहे। साथ ही, श्रीपाल यादव, शुभकरण सुंडा, और संजय बसोतिया जैसे युवा नेताओं ने भी आंदोलन को नई ऊर्जा देने की बात कही. इस अधिवेशन के ज़रिए किसान संगठनों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश का अन्नदाता अब सिर्फ़ खेत तक सीमित नहीं, बल्कि नीति और नेतृत्व में भी अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।