अमित शाह ने अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर दी सफाई
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी पर गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, "संसद में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। भाजपा के सदस्यों ने ऐसा ही किया। जब साबित हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, तो कांग्रेस ने अपनी पुरानी रणनीति अपनाते हुए बयानों को तोड़ना-मरोड़ना शुरू कर दिया।"
अमित शाह ने खड़गे के इस्तीफा मांगने पर दिया जवाब
अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा, "खड़गे जी इस्तीफा मांग रहे हैं। अगर उन्हें इससे खुशी मिलती है, तो शायद मैं दे भी दूं, लेकिन इससे उनका काम नहीं बनेगा। अभी 15 साल तक उन्हें वहीं बैठना है, जहां वे हैं। मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली।"
खड़गे ने की शाह को बर्खास्त करने की मांग
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर दिया जाए। खड़गे ने आरोप लगाया कि "मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों और बातों का बचाव करते हैं।"
कांग्रेस ने बताया अंबेडकर का अपमान
दरअसल, मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था, "अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" कांग्रेस ने इस बयान को अंबेडकर का अपमान बताया और शाह के इस्तीफे की मांग की।
राजनीतिक हलचल तेज
गृह मंत्री के इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा ने जहां कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस ने इसे सामाजिक न्याय और संविधान का अपमान बताया है। अब देखना होगा कि इस विवाद का अंत किस दिशा में होता है।