वक्फ संशोधन कानून पर बढ़ते विरोध के बीच बीजेपी मैदान में उतरी

वक्फ संशोधन कानून पर बढ़ते विरोध के बीच बीजेपी मैदान में उतरी

वक्फ संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी अब खुलकर सामने आ गई है। पार्टी ने कानून के प्रावधानों को लेकर लोगों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने और उनसे संवाद स्थापित करने का अभियान शुरू किया है।

इस पहल के तहत पार्टी ने वरिष्ठ सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समन्वय समिति बनाई है। राज्यसभा में उनके वक्फ कानून पर दिए गए भाषण की काफी चर्चा हुई थी।

“वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की नियुक्ति जरूरी” — राधा मोहन दास

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वक्फ बोर्ड में अब गैर मुस्लिमों की नियुक्ति इसलिए हो रही है ताकि अन्य समुदायों, खासकर हिंदुओं की भी आवाज़ वहां सुनी जा सके। उन्होंने बताया कि अब तक वक्फ बोर्ड व ट्रिब्यूनल केवल मुस्लिम सदस्यों से भरे होते थे, जिससे पारदर्शिता की कमी रही।

उन्होंने यह भी कहा कि देश में वक्फ की संपत्ति की संख्या 8 लाख से अधिक हो चुकी है, लेकिन इससे आय मात्र 166 करोड़ रुपये तक पहुंची है — जबकि इसकी क्षमता 1 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होनी चाहिए थी।

वक्फ माफिया का नेटवर्क सक्रिय

डॉ. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वाले अधिकतर लोग खुद को मुस्लिम नेताओं का प्रतिनिधि बताते हैं — जिनमें AIMIM, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और वक्फ बोर्ड के कुछ ट्रस्टी भी शामिल हैं।

मुस्लिमों को मोदी योजनाओं से सर्वाधिक लाभ

बीजेपी का यह भी दावा है कि अगर वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो तो मुस्लिम समुदाय को सरकारी सहायता की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाएं — जैसे उज्ज्वला, प्रधानमंत्री आवास, और मुद्रा योजना — में मुसलमानों की भागीदारी 30 से 37 फीसदी तक रही है।

कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती रही

डॉ. अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि वे केवल "मुसलमानों का पहला हक" जैसे जुमले बोलकर राजनीति करती रहीं, लेकिन वास्तविक तौर पर कोई ठोस कार्य नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने गैर मुस्लिम नियुक्तियों पर लगाई अस्थायी रोक

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की कुछ धाराओं, जैसे गैर मुस्लिमों की नियुक्ति, पर फिलहाल रोक लगा दी है और अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की गई है। डॉ. अग्रवाल ने भरोसा जताया कि अदालत का अंतिम निर्णय भाजपा के पक्ष में ही आएगा और यह अभियान पूरी पारदर्शिता के साथ जारी रहेगा।