अमेरिका में बोले राहुल गांधी — "भारत की चुनाव प्रणाली में है गंभीर खामी"

भारतीय संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं और सोमवार को उन्होंने ब्राउन यूनिवर्सिटी, बोस्टन में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनाव प्रणाली को लेकर कई गंभीर टिप्पणियाँ कीं।
राहुल गांधी ने खासतौर पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली में एक "गंभीर समस्या" है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि वोटिंग की समयसीमा समाप्त हो जाने के बाद भी 65 लाख से अधिक वोट डाले गए, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
"रात 2 बजे तक लाइन में लगे थे क्या?" — राहुल गांधी
राहुल ने कहा, “मुझे चुनाव आयोग द्वारा शाम 5:30 बजे तक के आंकड़े दिए गए थे, लेकिन उसके बाद दो घंटे में लाखों वोट डाले गए। यह तभी संभव है जब लोग देर रात तक लाइन में खड़े रहे हों, जो वास्तविकता से परे है।” उन्होंने सवाल किया कि अगर यह मतदान प्रक्रिया पारदर्शी है तो फिर वोटिंग की वीडियोग्राफी की मांग क्यों खारिज कर दी गई?
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनाव आयोग से पारदर्शिता के लिए वोटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की, तो आयोग ने न केवल इसे खारिज किया, बल्कि कानून में बदलाव करके भविष्य में ऐसी मांग की संभावना ही समाप्त कर दी।
उन्होंने कहा, “मैंने यह मुद्दा सार्वजनिक मंचों पर बार-बार उठाया है, क्योंकि मुझे लगता है कि सिस्टम में कोई बड़ी गड़बड़ी है, और चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही।”
लोकतंत्र की निष्पक्षता पर बहस
राहुल गांधी के इन बयानों ने एक बार फिर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर बहस छेड़ दी है। उनके आलोचक इसे एक राजनीतिक बयान मान सकते हैं, लेकिन समर्थक इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठाई गई आवाज बता रहे हैं।