निर्भया केस की 12वीं बरसी पर सुप्रीम कोर्ट में रेप दोषियों को नपुंसक बनाने की मांग
निर्भया गैंगरेप और मर्डर की 12वीं बरसी के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें रेप के दोषियों को नपुंसक बनाने की मांग की गई है। याचिका में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित गाइडलाइंस बनाने और कानूनों में सुधार की 20 प्रमुख मांगें भी की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, "यह मांग बेहद क्रूर है," और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से इस पर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में छह लोगों ने निर्भया के साथ गैंगरेप किया था। निर्भया की हालत गंभीर होने पर उसे 27 दिसंबर को सिंगापुर ले जाया गया, जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। इस मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा दी गई थी, जबकि एक दोषी ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।
निर्भया की मां, आशा देवी ने इस मौके पर कहा, "बड़े दुख के साथ मैं कहना चाहती हूं कि 12 साल बाद भी हालात नहीं बदले हैं, देश की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। जो भी हमारा कानून है, उस पर सही मायने में काम हो ताकि हमारी बच्चियों को इंसाफ मिले।" यह बयान देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर फिर से चर्चा को जन्म दे रहा है, और निर्भया के बलिदान के बाद भी न्याय की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।