बजट पूर्व संवाद में लैब टेक्नीशियन संघ ने रखी ग्रेड पे और स्टाफिंग पैटर्न बदलने की मांग!

बजट पूर्व संवाद में लैब टेक्नीशियन संघ ने रखी ग्रेड पे और स्टाफिंग पैटर्न बदलने की मांग!

राजस्थान के मुख्यमंत्री महोदय द्वारा विभिन्न कर्मचारी संगठनों को बजट से पूर्व संवाद के लिए बुलाया गया। इस अवसर पर लैब टेक्नीशियन संघ के प्रदेश अध्यक्ष, जितेंद्र सिंह ने राज्य सरकार से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया। प्रमुख रूप से, उन्होंने शैक्षिक एवं प्रौद्योगिकी योग्यताओं के आधार पर लैब टेक्नीशियन के ग्रेड पे में वृद्धि की मांग रखी। 

4200 ग्रेड पे की मांग:
लैब टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष ने यह मुद्दा उठाया कि पिछले कार्यकाल के दौरान हरियाणा सरकार ने लैब टेक्नीशियन के लिए 4200 रुपये का ग्रेड पे लागू किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान में लैब टेक्नीशियन को 2800 रुपये का ग्रेड पे मिल रहा है, जो न केवल अन्य राज्यों के मुकाबले कम है, बल्कि यह उनकी कड़ी मेहनत और जिम्मेदारियों के हिसाब से भी अनुपयुक्त है। 
सिंह ने राज्य सरकार से यह अनुरोध किया कि राजस्थान में भी शैक्षिक और तकनीकी मानकों के अनुसार लैब टेक्नीशियन के लिए ग्रेड पे में वृद्धि की जाए ताकि उनके श्रम की उचित सराहना की जा सके।

17 साल पुराने स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव की मांग:
इसके अलावा, जितेंद्र सिंह ने लैब टेक्नीशियन के 17 साल पुराने स्टाफिंग पैटर्न में बदलाव की मांग भी की। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा जांच और मरीजों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हो चुकी है, लेकिन लैब टेक्नीशियन के पदों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह स्थिति न केवल लैब टेक्नीशियनों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई है, बल्कि इससे मरीजों को गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्रदान करने में भी कठिनाई हो रही है।
सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की कि लैब टेक्नीशियन की संख्या को बढ़ाया जाए और स्टाफिंग पैटर्न को अपडेट किया जाए ताकि कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ न पड़े और चिकित्सा सेवाओं में सुधार हो सके।

गैर-वित्तीय मांगें और पदनाम परिवर्तन:
लैब टेक्नीशियन संघ ने अपनी गैर-वित्तीय मांगों को भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इन मांगों में वित्त विभाग और कार्मिक विभाग द्वारा अनुमोदित पदनाम परिवर्तन का शीघ्र नोटिफिकेशन जारी करने की मांग शामिल थी। सिंह ने बताया कि लैब टेक्नीशियनों के पदनाम में बदलाव की आवश्यकता है, ताकि उनके काम की गरिमा और पहचान बनी रहे।

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का संवेदनशीलता से प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने लैब टेक्नीशियन संघ की मांगों को संवेदनशीलता से सुना और उनका आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। दोनों नेताओं ने कर्मचारी हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की कठिनाइयों को समझती है और जल्द ही उनके समाधान के लिए कदम उठाएगी।

उम्मीद है जल्द मिलेगा समाधान:
लैब टेक्नीशियन संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने संवाद के बाद अपने बयान में कहा कि वे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ की गई चर्चा से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और उन्हें उम्मीद है कि उनकी मांगों का समाधान शीघ्र होगा।
सिंह ने यह भी कहा कि लैब टेक्नीशियन का काम अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है, और उनकी भूमिका अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कारण, उनकी श्रम की उचित पहचान और सम्मान होना चाहिए। 

लैब टेक्नीशियनों की कठिनाइयों को देखते हुए राज्य सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि सरकार इन मांगों का समाधान जल्दी करती है, तो इससे न केवल लैब टेक्नीशियनों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी। लैब टेक्नीशियन संघ की यह पहल एक सकारात्मक दिशा में कदम है, और सरकार को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।

पवन कुमार शर्मा,
वरिष्ठ पत्रकार।