नगर निगम जयपुर हैरिटेज की बड़ी कार्रवाई: नगरीय विकास कर न जमा करने पर संपत्तियों को किया कुर्क!
जयपुर, नगर निगम जयपुर हैरिटेज द्वारा नगरीय विकास कर न जमा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। सिविल लाइन जोन की उपायुक्त हंसा मीणा के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 संपत्तियों को कुर्क किया गया। इन संपत्तियों पर कुल 16.74 लाख रुपये का बकाया था, जिसे समय पर जमा नहीं किया गया था।
कार्यवाही के पीछे की वजह:
नगर निगम जयपुर हैरिटेज के आयुक्त अरूण कुमार हसीजा के निर्देशों पर यह कार्यवाही की गई। हसीजा ने बताया कि नगर निगम द्वारा निर्धारित नगरीय विकास कर को समय पर जमा नहीं करने वाले संपत्तिधारकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बकायेदार संपत्तियों को चिह्नित किया गया और उनकी कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गई।
सिविल लाइन जोन में हुई कार्रवाई:
सिविल लाइन जोन की उपायुक्त महोदया हंसा मीणा ने अपनी टीम के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा और लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स, सी-स्कीम में कार्रवाई की। इन स्थानों पर नगरीय विकास कर बकाया था। कार्रवाई के दौरान, 4 संपत्तियों के मालिकों ने मौके पर ही 13.54 लाख रुपये की बकाया राशि जमा कर दी। वहीं, 2 संपत्तियों को कुर्क कर लिया गया।
यह कदम नगरीय विकास कर की वसूली में प्रभावी साबित हुआ, और नगर निगम ने यह सुनिश्चित किया कि समय पर बकाया राशि न जमा करने वाले संपत्तियों पर सख्त कार्रवाई हो।
नगर निगम का कड़ा संदेश:
इस कार्रवाई के दौरान नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट संदेश दिया कि जिन संपत्तियों पर नगरीय विकास कर बकाया है, उनके खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर न चुकाने वाले संपत्ति मालिकों को जागरूक करने के लिए नगर निगम द्वारा पहले कई नोटिस भेजे गए थे, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद, नगर निगम को यह कदम उठाना पड़ा।
नगर निगम ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी ताकि नगर निगम की वसूली प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा सके और शहर के विकास के लिए आवश्यक धनराशि जुटाई जा सके।
नगरीय विकास कर के महत्व पर प्रकाश:
नगरीय विकास कर, जिसे नगर निगम द्वारा शहर के विकास के लिए एकत्रित किया जाता है, शहर के बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों के लिए आवश्यक होता है। यह कर सड़कें, पुल, जलापूर्ति, सीवरेज सिस्टम और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए इस्तेमाल होता है। यदि नागरिक अपने करों का भुगतान समय पर नहीं करते हैं, तो इससे शहर के विकास कार्यों में रुकावट आती है और अन्य नागरिकों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
इसलिए, नगर निगम ने यह कदम उठाया है ताकि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो और सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
आयुक्त और उपायुक्त की प्रतिक्रिया:
नगर निगम के आयुक्त अरूण कुमार हसीजा ने कहा, यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि नगरीय विकास कर की वसूली में किसी भी तरह की देरी न हो। करों के समय पर भुगतान से नगर निगम को शहर के विकास के लिए आवश्यक संसाधन मिलते हैं। हम सभी नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे समय पर करों का भुगतान करें ताकि शहर में विकास कार्यों को गति मिल सके।
सिविल लाइन जोन की उपायुक्त हंसा मीणा ने कहा, हमने इस कार्रवाई को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया है। हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी संपत्तिधारक अपने बकाए का भुगतान करें ताकि शहर में बेहतर विकास कार्य हो सकें।
आने वाले कदम और संभावित योजनाएं:
नगर निगम जयपुर हैरिटेज ने आगामी दिनों में ऐसी और कार्रवाइयों की योजना बनाई है, जिससे नगर निगम का बकाया वसूल किया जा सके और शहर के विकास को नई गति दी जा सके। इसके अलावा, नगर निगम द्वारा नागरिकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
नगर निगम जयपुर हैरिटेज की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि नगर निगम अब नगरीय विकास कर की वसूली को लेकर गंभीर है। यह कदम शहर के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस तरह की कार्रवाइयां नगर निगम के संसाधनों को मजबूत करने के साथ-साथ नागरिकों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने में सहायक होंगी।
नगर निगम के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी ताकि समय पर करों का भुगतान सुनिश्चित हो सके और शहर में बुनियादी सुविधाओं का स्तर बेहतर हो सके।