जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025: सिनेमा के रंग, संस्कृतियों का संगम!

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025: सिनेमा के रंग, संस्कृतियों का संगम!

जयपुर। गुलाबी नगर जयपुर एक बार फिर सिनेमा के महाकुंभ का साक्षी बन रहा है। शुक्रवार शाम राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जिफ) 2025 के 17वें संस्करण का भव्य आगाज हुआ। रेड कार्पेट के साथ शुरू हुआ यह उत्सव जयपुरवासियों और सिनेमा प्रेमियों को एक यादगार अनुभव प्रदान कर रहा है। पांच दिवसीय इस फेस्टिवल में 48 देशों की 57 भाषाओं में बनी 240 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी।  

इस वर्ष का जिफ कई मायनों में खास है। राजस्थानी और भोजपुरी सिनेमा को प्रमुखता देने से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की भागीदारी तक, इस फेस्टिवल ने सिनेमा प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है। सिनेमा को नई ऊंचाईयों तक ले जाने और अलग-अलग संस्कृतियों को जोड़ने वाले इस फेस्टिवल का उद्घाटन सत्र फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और किंग ऑफ रोमांस यश चोपड़ा जैसे दिग्गजों को समर्पित रहा।  

रेड कार्पेट का ग्लैमर और सितारों का जमावड़ा:
फेस्टिवल की शुरुआत रेड कार्पेट वॉक के साथ हुई, जहां देश-विदेश की हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ऑस्कर विजेता मार्क बाशिएट (फ्रांस), दक्षिण भारतीय अभिनेत्री देवयानी, बांग्लादेश की सोहाना सबा, ऑस्ट्रेलियन अभिनेता एंड्रयू वायल और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री आकांक्षा पाल (फिल्म "नाते") जैसी मशहूर हस्तियां इस मौके पर मौजूद रहीं।  

फिल्म "मी एंड यू" की कहानी और संदेश:
पल्लवी सिंह ने अपनी फिल्म "मी एंड यू" के बारे में बताया कि यह एक ऐसी कहानी है जो रिश्तों, आत्म-खोज और संघर्ष पर आधारित है। यह फिल्म आधुनिक समाज में व्यक्तियों के बीच की जटिलताओं और उनके साथ जुड़े सपनों को दर्शाती है। पल्लवी ने कहा, "यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे रिश्तों को समझना और खुद को तलाशना एक खूबसूरत सफर हो सकता है।"

युवाओं को दिया संदेश:
पल्लवी सिंह ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "मैं सभी सिनेमा प्रेमियों और नई प्रतिभाओं से कहना चाहती हूं कि अपने टैलेंट को बाहर लाएं। ऐसे फेस्टिवल एक बेहतरीन मंच हैं, जहां आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए पहला कदम उठा सकते हैं।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सिनेमा एक ऐसा माध्यम है जो न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि समाज को जागरूक करने और सोचने पर मजबूर करने का भी काम करता है। पल्लवी ने कहा, "अगर आपके पास कोई कहानी है, कोई विचार है, तो उसे लिखें, उसे फिल्म के रूप में प्रस्तुत करें। इस तरह के फेस्टिवल आपकी आवाज को सही मंच प्रदान करते हैं।"

फेस्टिवल के अनुभव:
पल्लवी ने जिफ के अनुभव को साझा करते हुए कहा, "यह फेस्टिवल न केवल एक मंच है, बल्कि सिनेमा का उत्सव है। यहां विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और कहानियों को एक साथ देखना एक अनोखा अनुभव है। जयपुर के दर्शकों की सिनेमा के प्रति जो लगन और प्यार है, वह इसे और भी खास बनाता है।"

जयपुर से विशेष लगाव:
पल्लवी सिंह ने जयपुर के साथ अपने जुड़ाव पर कहा, "यह शहर मुझे हमेशा अपनी ओर खींचता है। यहां की संस्कृति, लोग और कला से सजीवता झलकती है। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सिनेमा की विविधता को मनाता है।

फिल्मी जगत में नया कदम रखने वालों के लिए सलाह:
पल्लवी ने नए फिल्मकारों और कलाकारों के लिए सुझाव देते हुए कहा, "सिनेमा में जगह बनाना आसान नहीं है, लेकिन मेहनत और लगन से सब संभव है। इस फेस्टिवल ने दिखाया है कि क्षेत्रीय और स्वतंत्र फिल्मों को भी एक बड़ा मंच मिल सकता है।

संगीत और संस्कृति का अद्भुत समावेश:
उद्घाटन समारोह का माहौल सांस्कृतिक और संगीतमय प्रस्तुतियों से सराबोर रहा। पं. चंद्रमोहन भट्ट के निर्देशन में सितार, तबला और गायन की सुरीली जुगलबंदी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजस्थान के मशहूर मांगणियार लोक कलाकारों ने "आओ नी पधारो म्हारे देश," "नींबूड़ा-नींबूड़ा" और "चिरमिर बरसे मेघ" जैसे लोकगीतों से समां बांधा। इन प्रस्तुतियों ने फेस्टिवल में न केवल उत्साह का माहौल बनाया, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाया।  

240 फिल्मों की भव्य स्क्रीनिंग:
इस बार फेस्टिवल में 48 देशों की 240 फिल्मों को प्रदर्शित किया जा रहा है, जिनमें 57 भाषाओं की विविधता है। यह उत्सव सिनेमा प्रेमियों को विभिन्न संस्कृतियों और कहानियों को एक मंच पर देखने का अवसर प्रदान कर रहा है।  

फेस्टिवल के फाउंडर डायरेक्टर हनुरोज ने बताया, "इस साल हमने रेड कार्पेट उद्घाटन समारोह की नई परंपरा शुरू की है, जिसमें 100 से अधिक सेलेब्रिटी और प्रतिष्ठित फिल्मकार भाग ले रहे हैं। यह फेस्टिवल सिनेमा को नई पहचान देने और नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का माध्यम है।"  

भोजपुरी और राजस्थानी सिनेमा को मंच:
इस बार जिफ में भोजपुरी सिनेमा को पहली बार शामिल किया गया है। 23 राजस्थानी फिल्मों के साथ-साथ भोजपुरी फिल्मों को मंच देकर स्थानीय और क्षेत्रीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की पहल की गई है। यह सिनेमा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत है।  

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड यश चोपड़ा के नाम:
फेस्टिवल का एक मुख्य आकर्षण दिवंगत यश चोपड़ा को मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करना रहा। यह पुरस्कार उनके पोते ऋषभ चोपड़ा ने ग्रहण किया। यश चोपड़ा को "किंग ऑफ रोमांस" के नाम से जाना जाता है, और उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी।  

विशेष चर्चाओं का मंच :
फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा, इस फेस्टिवल में सिनेमा की विविध विधाओं पर विशेष चर्चाओं का आयोजन किया जा रहा है। फिल्म निर्माता, लेखक और निर्देशक इन चर्चाओं में हिस्सा लेकर अपने अनुभव और विचार साझा कर रहे हैं। उज्ज्वल पटेल जैसे फिल्मकार, जिनकी शॉर्ट फिल्म एक शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे की प्रेरणादायक कहानी है, ने अपनी फिल्म के बारे में बताया।  

75 फिल्मों को 98 पुरस्कार:
फेस्टिवल में इस साल 75 उत्कृष्ट फिल्मों को 98 पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन फिल्मों को दिए जाएंगे जिन्होंने कहानी, निर्देशन, अभिनय और तकनीकी दृष्टिकोण से अलग पहचान बनाई है।  

जयपुरवासियों के लिए सिनेमा का उत्सव:
यह फेस्टिवल जयपुरवासियों के लिए सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सिनेमा के साथ जुड़ने का एक अनूठा अनुभव है। विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और कहानियों का यह संगम सिनेमा प्रेमियों के लिए यादगार साबित हो रहा है।  
जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जिफ) न केवल सिनेमा को बढ़ावा देने का एक माध्यम है, बल्कि यह जयपुर को एक वैश्विक पहचान भी देता है। सिनेमा प्रेमियों के लिए यह फेस्टिवल न केवल मनोरंजन है, बल्कि सीखने और नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का मंच भी है।  
सिनेमा की इस यात्रा में जयपुरवासियों का उत्साह और भागीदारी इसे और खास बना देती है। 21 जनवरी तक चलने वाले इस फेस्टिवल में आप भी शामिल होकर सिनेमा के अनूठे रंगों का आनंद ले सकते हैं।