बुलढाणा में अचानक गंजे हो रहे लोग, यह कौन सी नई बीमारी है?

बुलढाणा में अचानक गंजे हो रहे लोग, यह कौन सी नई बीमारी है?

बालों की अहमियत तो वही जानता है, जिसने इन्हें खोया हो। सिर से गिरे बाल, मानो आत्मविश्वास भी गिरा हो। महाराष्ट्र के बुलढाणा में लोग अचानक गंजे हो रहे हैं। क्या है इस रहस्यमयी बीमारी का राज? क्या ये जल स्रोतों का प्रदूषण है, या फिर सिस्टम की लापरवाही? 
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के गांवों में एक अजीबोगरीब बीमारी ने दस्तक दी है। लोग अचानक बाल झड़ने और गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि कुछ ही दिनों में उनके सिर से बाल पूरी तरह गायब हो गए। 
शेगांव तालुका के बोडगांव, कलवाड़ और हिंगना गांवों में इस समस्या ने भय का माहौल बना दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। प्रभावित नागरिकों का कहना है कि शुरुआत में सिर में खुजली होती है, फिर बाल झड़ने लगते हैं, और तीसरे दिन गंजापन दिखने लगता है।


जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों से पानी के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। अधिकारियों को शक है कि जल स्रोतों का प्रदूषण इस समस्या की जड़ हो सकता है। शेगांव की स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. दीपाली बहेकर ने बताया कि मरीजों का चिकित्सीय उपचार शुरू किया गया है। त्वचा रोग विशेषज्ञों की मदद से समस्या का समाधान तलाशा जा रहा है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि यह समस्या जल स्रोतों के संदूषण से जुड़ी हो सकती है। बाल झड़ने की समस्या में शैम्पू या केमिकल भी एक कारण हो सकते हैं। हालांकि, हमें पूरी जांच के बाद ही ठोस नतीजे पर पहुंच पाएंगे। 


प्रशासन की सुस्ती और स्वास्थ्य विभाग की धीमी कार्रवाई ने लोगों को निजी अस्पतालों का रुख करने पर मजबूर कर दिया है। यहां तक कि जिन लोगों ने कभी शैम्पू का इस्तेमाल नहीं किया, उनके बाल भी झड़ रहे हैं। ऐसे में नागरिक उपचार शिविर की मांग कर रहे हैं।
सवाल यह है कि जब यह समस्या तेजी से फैल रही है, तो प्रशासन और सरकार अब तक क्यों चुप हैं?
डरे हुए नागरिकों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ बालों का झड़ना नहीं, बल्कि एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। अगर पानी का प्रदूषण ही कारण है, तो यह और भी खतरनाक है क्योंकि इससे अन्य बीमारियां भी फैल सकती हैं।
बाल झड़ना एक शारीरिक समस्या है, लेकिन इसका असर मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। बुलढाणा के लोग इस अनोखी समस्या से परेशान हैं। क्या सरकार और प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर समय पर हल निकाल पाएंगे? या फिर यह मामला भी लापरवाही का शिकार हो जाएगा? आपकी क्या राय है? हमें बताएं, इस खबर को शेयर करें और जागरूकता फैलाने में मदद करें।