जयपुर पुलिस की बड़ी कार्यवाही: एटीएस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले शातिर ठग का खुलासा!

जयपुर पुलिस की बड़ी कार्यवाही: एटीएस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले शातिर ठग का खुलासा!

जयपुर पुलिस थाना रामगंज की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एटीएस का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले शातिर ठग ऋषभ अजमेरा को गुडगांव से दस्तयाब किया है। यह ठग ऑनलाइन सेल्फ ड्राइविंग कार बुक कर उसे खुद का बताते हुए बेच देता था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है।

ठगी का पूरा मामला

पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर राशि डोगरा डूडी ने बताया कि दिनांक 5 जनवरी 2025 को थाना रामगंज में जावेद जोया नामक व्यक्ति ने एक रिपोर्ट दर्ज करवाई। जावेद जोया, जो गाड़ियों के खरीद-फरोख्त और कमीशन के काम से जुड़ा है, ने आरोप लगाया कि ऋषभ अजमेरा नामक व्यक्ति ने उसे एटीएस अधिकारी बनकर ठगा।

जावेद और ऋषभ की मुलाकात 4-5 महीने पहले क्रिकेट खेलने के दौरान हुई थी। ऋषभ ने जावेद को अपनी पहचान एटीएस अधिकारी के रूप में दी। कुछ समय बाद, ऋषभ ने जावेद को फोन कर बताया कि उसकी पोस्टिंग गुडगांव में हो गई है और वह अपनी कार KIA Sonet बेचने की योजना बना रहा है।

ऋषभ ने जावेद को व्हाट्सएप पर कार और उसके कागजात की तस्वीरें भेजीं। दोनों के बीच कार की कीमत 7,40,000 रुपये तय हुई। ऋषभ ने जयपुर आने से इनकार करते हुए जावेद को गुडगांव बुलाया।

गुडगांव पहुंचने पर, जावेद ने ऋषभ को 1.5 लाख रुपये ऑनलाइन और 5.9 लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद जावेद और उसके दोस्त कार लेकर जयपुर लौट आए। जब उन्होंने आरटीओ में कार का ट्रांसफर करवाना चाहा, तो कागजात फर्जी निकले।

जब जावेद ने बार-बार ऋषभ से संपर्क किया, तो वह बहाने बनाकर टालता रहा। आखिरकार, जावेद ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस टीम की रणनीति और कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर राशि डोगरा डूडी आईपीएस के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम का नेतृत्व थाना रामगंज के थानाधिकारी देवेंद्र प्रताप कर रहे थे।

टीम का विवरण:

  1. दुर्ग सिंह राजपुरोहित (अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, जयपुर उत्तर प्रथम)

  2. हरीशंकर शर्मा (सहायक पुलिस आयुक्त, रामगंज)

  3. मुकेश चतुर्वेदी (सउनि)

  4. मुकेश कुमार (कांस्टेबल)

  5. दिनेश कुमार (कांस्टेबल)

  6. हरेन्द्र (कांस्टेबल)

  7. करण सिंह (कांस्टेबल)

  8. नन्छूराम (कांस्टेबल)

आरोपी की लोकेशन का पीछा:

पुलिस टीम ने आरोपी की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, जो गुडगांव और दिल्ली के बीच बदल रही थी। कई प्रयासों के बाद, टीम ने गुडगांव के इफको चौक से आरोपी को पकड़ा।

आरोपी का तरीका और कबूलनामा

पुलिस पूछताछ में आरोपी ऋषभ अजमेरा ने बताया कि वह सेल्फ ड्राइविंग कारों को ऑनलाइन बुक करता था। बुकिंग के दौरान वह अपनी मेल आईडी और आईडी प्रूफ का उपयोग करता था। कंपनी द्वारा डिलीवरी के लिए भेजी गई कार और उसके दस्तावेजों को वह अपने कब्जे में ले लेता था। इसके बाद, वह फर्जी तरीके से कार बेच देता था।

ठगी के मामले:

  1. KIA Sonet (HR-55-AU-5806): यह कार उसने जावेद को 7,40,000 रुपये में बेची।

  2. Maruti Brezza (DL-9CAN-3780): इस कार को बेचने की योजना भी बनाई थी।

  3. Hyundai Creta: जयपुर के सांभर लेक क्षेत्र में एक अन्य व्यक्ति को इस कार के लिए 70,000 रुपये लेकर कार नहीं दी।

पुलिस की सराहनीय सफलता

पुलिस की कुशल रणनीति और सटीक अनुसंधान के चलते आरोपी ऋषभ अजमेरा को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अपराध से बचने के सुझाव

  1. ऑनलाइन लेनदेन में सतर्कता: गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करते समय सभी दस्तावेजों की जांच करें।

  2. वास्तविक पहचान का सत्यापन: किसी भी व्यक्ति की सरकारी अधिकारी होने की पहचान को सत्यापित करें।

  3. कानूनी प्रक्रिया का पालन: आरटीओ में दस्तावेज सत्यापन करवाए बिना किसी गाड़ी का भुगतान न करें।

जयपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। ऋषभ अजमेरा जैसे शातिर ठगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। जनता से अपील है कि इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।