जापान में स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का कहर

जापान में स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का कहर

जापान में एक रेयर हेल्थ कंडीशन ने कहर बरपा रखा है. यह कंडीशन है स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS), जो ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होती है. स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम एक रेयर हेल्थ कंडीशन है, जिसमें टॉक्सिन्स पैदा करने वाले स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया हमारे मांस को खाना शुरू कर देते हैं. यह बैक्टीरिया बहुत तेजी से बॉडी ऑर्गन्स को डैमेज कर देता है, जिससे हार्ट, लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंग प्रभावित होते हैं.

इस साल 2 जून तक जापान में इसके लगभग 1000 मामले सामने आ चुके हैं. सबसे डरावनी बात यह है कि इस कंडीशन से पीड़ित शख्स आमतौर पर 48 घंटे के अंदर मर जाता है.  इसका डेथ रेट भी 30% के करीब है. स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के लक्षणों में तेज बुखार, लो ब्लड प्रेशर, गंभीर मांसपेशियों में दर्द, और अंगों का फेल होना शामिल है.  इसके अलावा, त्वचा पर लाल चकत्ते और सूजन भी हो सकती है.

इन लक्षणों के कारण यह कंडीशन बहुत तेजी से गंभीर रूप ले लेती है. इस कंडीशन का इलाज एंटीबायोटिक्स और सपोर्टिव केयर के माध्यम से किया जाता है. समय पर चिकित्सा सहायता से मरीज की जान बचाई जा सकती है, लेकिन इसके लक्षणों को पहचानना और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना बेहद जरूरी है. स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम एक गंभीर और खतरनाक कंडीशन है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.  जापान में इस कंडीशन ने कई लोगों की जान ले ली है और अभी भी इसका प्रकोप जारी है.