नौ साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने एडीजी का चार्ज संभाला

नौ साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने एडीजी का चार्ज संभाला

वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार का दिन बेहद खास और भावुक रहा, जब सुपौल के नौ साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने एडीजी का चार्ज संभाला.  यह कोई साधारण घटना नहीं थी, बल्कि बच्चे की अंतिम इच्छा पूरी करने का एक अनोखा और दिल को छू जाने वाला प्रयास था. प्रभात रंजन भारती, जो ब्रेन कैंसर से पीड़ित है, आईपीएस बनने का सपना देखता था। इस सपने को साकार करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए एडीजी का कार्यभार सौंपा, न केवल बच्चे की आंखों में खुशी झलकी, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं.

मंगलवार को, प्रभात को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया गया. प्रभात ने सशस्त्र बल के साथ एडीजी का चार्ज लिया और पूरी प्रक्रिया के बीच आफिस में पुलिसकर्मियों और गार्ड ने सलामी दी. एक दिन के एडीजी ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण किया. इसके बाद पुलिस टीम की मौजूदगी में ससम्मान अपनी कुर्सी पर बैठाया गया. कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी प्रभात से मिले और उसे सलामी दी.

 इसके बाद जिप्सी में बैठकर प्रभात को भ्रमण कराया गया. प्रभात यूकेजी का छात्र है, और पिछले साल उसके कैंसर होने की जानकारी मिली थी.  इच्छा पूरी होने के बाद छात्र खुश नजर आया और उसके चेहरे पर संतुष्टि की झलक थी.

यह घटना न केवल प्रभात और उसके परिवार के लिए खास थी, बल्कि उन सभी के लिए भी जिन्होंने इस अनोखी पहल का हिस्सा बनकर एक बच्चे के सपनों को साकार करने में मदद की.  एडीजी पीयूष मोर्डिया और वाराणसी जोन की पूरी टीम ने एक मिसाल कायम की है, जो सभी के दिलों को छू गई.