आज के दिन क्यों की जाती है माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा
धनतेरस... जिसे संस्कृत में 'धन त्रयोदशी' कहा जाता है,... दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व का पहला दिन है.... हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख का प्रतीक है. इस दिन माँ लक्ष्मी, जो धन और संपत्ति की देवी मानी जाती हैं, और भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद और आरोग्य के देवता हैं, की पूजा की जाती है. वहीं इस त्योहार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए, धनतेरस को स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व माना जाता है. वहीं इसके साथ हमारे देश में एक परपंरा भी जुड़ी हुई है. लोग इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन और धातु की वस्तुएं खरीदते हैं, जिससे उनके घरों में मां लक्ष्मी का वास होता है और सालभर खुशहाली बनी रहती है. इस दिन की एक और परंपरा है कि लोग अपने घरों के द्वार पर दीप जलाते हैं, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
वहीं आज धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो गई है खरीदारी के लिए आज सुबह 9 से रात 8:55 तक दो मुहूर्त रहेंगे.. इनमें हर तरह की खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत कर सकते हैं साथ ही त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कामों का 3 गुना फल मिलता है. शाम को भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा होगी. वहीं इस साल दीप पर्व 5 नहीं बल्कि 6 दिन का रहेगा, क्योंकि कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दो दिन रहेगी तो दर्शकों, इस धनतेरस पर हम यही कामना करते हैं कि माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा आपके परिवार पर बनी रहे, और आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो |