सिंगापुर से जयपुर पहुंचे 16 प्रतिनिधि, बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे पर समझा महत्वपूर्ण मंथन।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक दिलचस्प और ऐतिहासिक घटना घटी, जब सिंगापुर से 16 सदस्यीय एक प्रतिनिधि मंडल तीन दिवसीय दौरे पर जयपुर आया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठनात्मक ढांचे को समझना था और यह देखना था कि बीजेपी का बूथ स्तर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक का कार्य कैसे संचालित होता है।
इस दौरे के दौरान, सिंगापुर के प्रतिनिधियों ने बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ गहन चर्चाएँ कीं, जिनमें भाजपा के नेतृत्व और नीति, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन, और संगठनात्मक संरचना पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे से रुबरू हुए सिंगापुर के प्रतिनिधि
बीजेपी का संगठन एक विस्तृत और अनुशासित ढांचे पर आधारित है, जहां पार्टी कार्यकर्ता से लेकर नेता तक हर एक व्यक्ति अपनी भूमिका निभाता है। सिंगापुर के प्रतिनिधि मंडल को इस संगठनात्मक ढांचे के बारे में जानकारी देने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और अन्य नेताओं ने मुलाकात की। इस दौरान, जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बीजेपी का संगठन किस तरह से काम करता है, खासकर बूथ स्तर तक कैसे पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनता तक सरकार की योजनाओं को पहुँचाती है।
उन्होंने कहा, "हमारा संगठन देश के सबसे नीचे स्तर से लेकर ऊपर तक मजबूत और सक्रिय है। हमारे कार्यकर्ता हर बूथ पर रहते हैं और जनता की जरूरतों और समस्याओं को समझते हुए योजनाओं को लागू करते हैं।"
सिंगापुर के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार की योजनाओं को समझा
बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा सिर्फ चुनावी प्रचार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी कार्य करता है। सिंगापुर के प्रतिनिधियों ने इस पर गहन मंथन किया और समझा कि बीजेपी कार्यकर्ता किस प्रकार से सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने का काम करते हैं।
इस बैठक के दौरान, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि बीजेपी के कार्यकर्ता न सिर्फ राजनीतिक फैसले लेते हैं, बल्कि वे समाज के हर वर्ग से संवाद करते हुए विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हैं और उन्हें लाभार्थियों तक पहुँचाते हैं।
कला और संस्कृति से भी रूबरू हुए सिंगापुर के प्रतिनिधि
राजनीतिक संवाद के अलावा, सिंगापुर के प्रतिनिधियों को राजस्थान की संस्कृति और खानपान से भी परिचित कराया गया। बीती रात, सिंगापुर के प्रतिनिधियों को जयपुर के प्रसिद्ध चोखी ढाणी में राजस्थानी संस्कृति का अनुभव कराया गया, जहाँ उन्होंने राजस्थान के पारंपरिक भोजन का स्वाद लिया और लोक कला का आनंद लिया।
इसके अलावा, जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे आमेर किला, हवा महल और अल्बर्ट हॉल का भ्रमण भी किया गया, ताकि वे राजस्थान के ऐतिहासिक धरोहर से भी रूबरू हो सकें।
राजनेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद
सिंगापुर के प्रतिनिधि मंडल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह था कि वे समझ सकें कि बीजेपी कैसे अपना संगठन मजबूत करती है, खासकर समाज के विभिन्न वर्गों से किस प्रकार संवाद स्थापित किया जाता है। साथ ही, यह भी चर्चा की गई कि बीजेपी का संगठन हर स्तर पर अपनी कार्यप्रणाली को सशक्त कैसे करता है।
बैठक के बाद, सिंगापुर के प्रतिनिधि मंडल ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की योजनाओं को सराहा और कहा कि इस प्रकार की सशक्त संगठनात्मक संरचना न सिर्फ चुनावी सफलता में मदद करती है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए योजनाओं को पहुंचाने में भी मददगार साबित होती है।
क्या इस प्रकार का दौरा पहले कभी हुआ है?
इस प्रकार का प्रतिनिधि मंडल भारत में शायद ही पहले कभी आया हो, जो किसी राजनीतिक दल के संगठनात्मक ढांचे को समझने के लिए भारत आया हो। हालांकि, विभिन्न देशों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भारत में राज्य और राष्ट्रीय योजनाओं को देखने के लिए आते रहे हैं, लेकिन किसी एक राजनीतिक दल के संगठन को समझने के लिए यह पहली बार हुआ है। सिंगापुर से आए प्रतिनिधि ने विशेष रूप से बीजेपी के काम करने के तरीके और इसके विस्तार को समझने के लिए इस यात्रा को महत्व दिया है।
क्या सिंगापुर की राजनीति से कुछ समानताएँ हैं?
सिंगापुर की राजनीति भी बहुत संगठित है, लेकिन वहां की सरकार और पार्टी संरचना का तरीका अलग है। सिंगापुर में पीएपी (पीपुल्स एक्शन पार्टी) का संगठनात्मक ढांचा बहुत मजबूत है और वह भी भारतीय राजनीति में बीजेपी के समान कार्यों को अंजाम देता है, जैसे कि सरकारी योजनाओं को लागू करना और समाज के हर वर्ग तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना।
यहां की राजनीतिक प्रणालियाँ कुछ हद तक एक जैसे ढंग से काम करती हैं, लेकिन भारतीय राजनीति की विविधताएं और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ इसे थोड़ा अलग बनाती हैं।
सिंगापुर से आए इस प्रतिनिधि मंडल का दौरा ना सिर्फ एक सांस्कृतिक और राजनीतिक अनुभव था, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि दुनिया भर के देशों में भारतीय राजनीतिक ढांचे और विशेषकर बीजेपी की संगठनात्मक संरचना के बारे में उत्सुकता और सम्मान बढ़ रहा है।
यह यात्रा यह साबित करती है कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा और पार्टी की संगठनात्मक क्षमता अन्य देशों में भी दिलचस्पी पैदा कर रही है, और भविष्य में ऐसी यात्राओं का और भी महत्व बढ़ सकता है।
इसलिए, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या भारत के संगठनात्मक ढांचे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है, तो इसका जवाब साफ है - हाँ, और इस प्रकार की मंथन बैठकों से आने वाले समय में और अधिक सीखने का अवसर मिलेगा।
भाजपा बूथ स्तर पर कैसे काम करती है, इसे भी समझा
भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर तक कैसे काम करती है, उसको भी समझने का प्रयास सिंगापुर के डेलिगेशन ने किया सरकार और संगठन के समन्वय को समझने की कोशिश सिंगापुर के डेलिगेशन ने की है.
जयपुर पहुंचे सिंगापुर के प्रतिनिधि
1. जेनिल पुथुचेरी, प्रतिनधिमंडल नेता
डिजिटल विकास और सूचना मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय (सरकारी सचेतक) वरिष्ठ राज्य मंत्री
2. डेसमंड टैन कोक मेंग
वरिष्ठ राज्य मंत्री-प्रधान मंत्री कार्यालय
3. गेन सियो हुआंग
राज्य मंत्री-शिक्षा और जनशक्ति मंत्रालय
4. शॉन हुआंग
वरिष्ठ संसदीय सचिव-शिक्षा और वित्त मंत्रालय
5. सक्तियांदी सुपाट
संसद सदस्य
6. राचेल ओंग
संसद सदस्य
7. ज़ी याओ क्वान
संसद सदस्य
8. लिंडा एन जी
व्यवस्थापक एवं वित्त निदेशक, पीएपी मुख्यालय
9. डैनी नगियम
अंगेजमेंट निदेशक पीएपी मुख्यालय
10. जसलीन ओंग
प्रबंधक, पीएपी मुख्यालय
11. अल्लाह थाम
सहायक प्रबंधक, पीएपी मुख्यालय
12. जेनिका एनजी
चुआ चू कांग शाखा सचिव
13. जेसन सलीम
उलु पांडन शाखा सचिव
14. जयदेव उन्नीथन
चोंग पैंग शाखा सचिव
15. लियोनार्ड चिउ
सेंगकांग पश्चिम शाखा सचिव
16. श्री थिरु
जालान कायु शाखा सचिव