गोपाष्टमी पर 51 कुंडात्मक पुष्टि यज्ञ का भव्य आयोजन, गौशाला में गूंजे भक्तिमय स्वर
गोपाष्टमी के पावन अवसर पर जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला में 51 कुंडात्मक पुष्टि यज्ञ का आयोजन भव्यता से सम्पन्न हुआ। इस धार्मिक आयोजन में यज्ञाचार्य पंडित रामप्रसाद शर्मा के नेतृत्व में पंडित मदन मोहन शर्मा, पंडित दिनेश शर्मा, पंडित गणेश आचार्य और अन्य विद्वान आचार्यों ने मिलकर यज्ञ को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। इस पवित्र यज्ञ का उद्देश्य धार्मिक वातावरण को सशक्त करना और गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति श्रद्धालुओं को जागरूक करना था।
इस यज्ञ में जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर और जयपुर हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव ने विशेष रूप से उपस्थित होकर आहुतियां अर्पित कीं। इस आयोजन में दोनों महापौरों का गौ माता और धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण स्पष्ट रूप से देखने को मिला। उनके साथ उपस्थित अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस अनुष्ठान में अपनी आहुतियां अर्पित कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
हिंगोनिया गौशाला इस आयोजन के लिए विशेष रूप से सजाई गई थी। यज्ञ स्थल पर स्थापित 51 कुंडों के साथ-साथ गंगा जल, गोबर के बने कंडे और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया गया। मंत्रोच्चारण और आहुति के समय वातावरण में एक अद्भुत सकारात्मकता का अनुभव हुआ। पंडितों और विद्वानों के निर्देशन में किए गए मंत्रोच्चार ने पूरे वातावरण को भक्तिमय और अलौकिक बना दिया।
गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से गौ माता को समर्पित होता है, और इस अवसर पर किए गए इस पुष्टि यज्ञ का मुख्य उद्देश्य समाज में गौ माता के प्रति आदर और प्रेम को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने गौ सेवा और गौ रक्षा के प्रति अपने संकल्पों को भी दोहराया।
इस अवसर पर हिंगोनिया गौशाला के व्यवस्थापकों ने बताया कि गौशाला में सैकड़ों गायों की देखभाल की जाती है और इसके संचालन में समाज का बड़ा योगदान है। गौशाला में इस यज्ञ के बाद भक्तों ने गायों की पूजा की और उन्हें चारा खिलाकर पुण्य प्राप्त किया। गौशाला में उपस्थित गायों की देखरेख के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे और पूरे आयोजन में स्वच्छता और अनुशासन का भी विशेष ध्यान रखा गया।
आयोजन में आए हुए श्रद्धालुओं ने बताया कि गौ माता के प्रति इस प्रकार के आयोजनों से हमारी संस्कृति और संस्कारों का संरक्षण होता है। श्रद्धालुओं ने इस यज्ञ के महत्व को समझते हुए आगामी समय में और भी अधिक संख्या में ऐसे आयोजनों में भागीदारी की इच्छा जताई।
गोपाष्टमी के इस पावन अवसर पर यज्ञ की समाप्ति के बाद सभी उपस्थित जनों को प्रसाद वितरित किया गया और गौशाला के लिए श्रद्धालुओं ने दान देकर अपना सहयोग प्रकट किया। इस प्रकार के आयोजनों से सामाजिक एवं धार्मिक समरसता को बढ़ावा मिलता है और गौ माता के प्रति समाज में जागरूकता उत्पन्न होती है।
गोपाष्टमी पर आयोजित इस 51 कुंडात्मक पुष्टि यज्ञ ने न केवल धार्मिक वातावरण को उर्जा से भर दिया बल्कि गौ माता के प्रति श्रद्धा का संचार करते हुए समाज में गौ संरक्षण और संवर्धन का संदेश भी दिया। इस प्रकार के आयोजनों से धार्मिक आस्था मजबूत होती है और समाज में एकता का संदेश फैलता है।