पुणे पोर्श कार हादसे में एक और बड़ा खुलासा
पुणे में हुए पोर्श कार हादसे से जुड़े मामले में नया मोड़ आ गया है. नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय तावरे और श्रीहरि हलनोर को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही अस्पताल के डीन डॉ. विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है. डॉ. तावरे, जो अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख थे, और डॉ. हलनोर, जो चीफ मेडिकल ऑफिसर थे, दोनों को अस्पताल के एक अन्य स्टाफ अतुल घाटकांले के साथ 27 मई को गिरफ्तार किया गया था. तीनों फिलहाल 30 मई तक पुलिस हिरासत में हैं. आरोप है कि इन तीनों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को डस्टबिन में फेंककर किसी और के ब्लड सैंपल के आधार पर मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी,
जिसमें शराब का अंश नहीं पाया गया. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के एक लड़के ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई. घटना के समय आरोपी नशे में था और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था.
इस एक्सीडेंट के बाद, पुणे पुलिस ने आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया था, जिसने आरोपी को 7 मामूली शर्तों पर जमानत दे दी थी. इनमें सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने और शराब छोड़ने के लिए काउंसिलिंग लेने की शर्तें शामिल थीं. पुलिस ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की, जहां से उन्हें बोर्ड में रिव्यू पिटिशन दायर करने को कहा गया. 22 मई को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को फिर से तलब किया और उसे 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया. इस मामले में अब तक नाबालिग के पिता, दादा, और नाबालिग की मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर्स के अलावा, उसे शराब परोसने वाले दो पब के मालिक-मैनेजर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था.