राजस्थान में मंत्री की चिट्ठी से छिड़ा बड़ा सियासी बवाल

राजस्थान में मंत्री की चिट्ठी से छिड़ा बड़ा सियासी बवाल

जयपुर के वीवीआईपी एरिया गांधीनगर में सरकारी क्वाटर्स को तोड़कर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स बनाए जाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखी एक 6 पन्नों की चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाए हैं. मीणा ने कहा है कि इस परियोजना को न तो वित्त मंत्री, न सीएम और न ही कैबिनेट ने मंजूरी दी है, फिर भी इसका काम शुरू कर दिया गया है. इस विवाद की शुरुआत हुई पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय प्रस्तावित ओल्ड एमआरईसी प्रोजेक्ट से, जिसे मौजूदा भजनलाल सरकार के अधिकारियों ने आगे बढ़ाना शुरू किया. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस पूरे प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करते हुए सीएम को पत्र लिखा है.

उन्होंने पत्र में कहा है कि जब सीएम ने इस प्रकरण की फाइल लौटा दी थी और वित्त मंत्री व कैबिनेट ने भी इसका अनुमोदन नहीं किया, तो फिर भी अधिकारी इस परियोजना को कैसे आगे बढ़ा रहे हैं? आचार संहिता के दौरान इस प्रोजेक्ट को शुरू करते हुए गांधीनगर स्थित सरकारी आवासों को खाली करने के नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं, जिनमें 3 ओलंपियन भी शामिल हैं.  इन नोटिसों में 10 दिन में आवास खाली करने की बात कही गई है.  किरोड़ी लाल मीणा ने इस परियोजना में 1146 करोड़ रुपए की हेरा-फेरी का आरोप भी लगाया है और कहा है कि कुछ अधिकारी रियल एस्टेट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ राजस्थान लिमिटेड (REDCC) से मिलीभगत कर रहे हैं. मीणा ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि मास्टर प्लान में गांधीनगर में 18 से 19 मंजिला इमारतें बनाने का प्रावधान नहीं है, और यहाँ व्यावसायिक उपयोग की अनुमति भी नहीं है. फिर भी इस योजना को कैसे आगे बढ़ाया जा रहा है, यह सवाल उठाया गया है. इस योजना में 6 टावर बनाए जाएंगे, जिनमें से दो टावर निजी व्यक्तियों को बेचे जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि यह वीआईपी सड़क के पास है, जहाँ हाईकोर्ट के न्यायाधिपति का निवास भी है. इस चिट्ठी के जरिए किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. यह प्रोजेक्ट सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से चलाया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अधीन आता है. मीणा ने चेतावनी दी है कि इस योजना से सरकार को 1146 करोड़ का नुकसान हो सकता है, इसलिए उन्होंने सीएम से तुरंत फाइल वापस मंगाने के लिए लिखा है. इस चिट्ठी के बाद से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है.