राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग में निःशुल्क विरेचन चिकित्सा कर्म शिविर का शुभारंभ।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग में निःशुल्क विरेचन चिकित्सा कर्म शिविर का शुभारंभ।

राजधानी जयपुर के जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा आमजन के स्वास्थ्य के लिये ऋतु शोधन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं।  17 सितम्बर से 15 नवम्बर 2024 तक चलने वाले निःशुल्क विरेचन चिकित्सा कर्म शिविर का उद्घाटन कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने किया। 

कुलपति प्रो. संजीव शर्मा के अनुसार मौसम के बदलने के दौरान शरीर में वात, पित्त, कफ के असंतुलन के कारण कई रोग होते है। बदलते मौसम के कारण होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा पूरे साल मौसम परिवर्तन होने से पहले ऋतु शोधन कार्यक्रम में विशेष निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में शरद ऋतु में पित्त बढ़ने के कारण पेट संबंधी विभिन रोगों में लाभ के लिये आयुर्वेदिक पद्धति से चिकित्सा की जाती है, जिससे आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाया जा सके। कार्यक्रम में कुलपति द्वारा उपस्थित लोगों को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के अवसर पर रोगियों की सुरक्षा को व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानने की शपथ भी दिलाई।

वहीं पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गोपेश मंगल ने शिविर की जानकारी देते हुए बताया की राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा साल में मौसम बदलने से पूर्व ऋतु अनुसार निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। जल्दी ही ऋतु परिवर्तन के कारण सर्दी के समय शरीर में पित्त बढ़ने से पेट संबंधी रोग बढ़ जाते हैं। विरेचन चिकित्सा पद्धति पित्त प्रधान रोगों की प्रमुख चिकित्सा विधि है। इसमें विशिष्ट औषधियों के माध्यम से ईलाज किया जाता है। भविष्य में पित्त से होने वाले मुख्य रोगों की रोकथाम में सहायक होने के साथ कब्ज, पाचन समस्या, एसिडिटी, त्वचा रोग, रक्त विकार और लीवर, तिल्ली के रोग, लकवा, ब्रोन्कियल अस्थमा आदि रोगों में लाभकारी है। आमजन को निःशुल्क चिकित्सा देने के लिये शरद ऋतु में पंचकर्म विभाग द्वारा 17 सितम्बर से 15 नवम्बर 2024 तक राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग में 2 माह तक निःशुल्क विरेचन चिकित्सा कर्म शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 

वहीं कार्यक्रम में डॉ. गुलाब पमनानी, डॉ. सुदीप्त रथ, संयुक्त निदेशक जेपी शर्मा, पंचकर्म विभाग के चिकित्सक एवं विद्यार्थी सहित गणमान्यलोग उपस्थित रहे।