मिर्गी रोगियों को इस सदी की सबसे बड़ी राहत

मिर्गी रोगियों को इस सदी की सबसे बड़ी राहत

जयपुर - मिर्गी के दौरों से पांच साल से प्रभावित सोलह वर्षीय किशोरी को पिछले दिनों महात्मा गांधी अस्पताल में न्यूरो सर्जन की टीम ने दौरों से निजात दिलाई।
न्यूरो साइंसेज विभाग के निदेशक डॉ बी एस शर्मा ने बताया कि मिर्गी के अधिकांश रोगियों में दवाओं से दौरों को नियंत्रित किया जा सकता है। किंतु जिन रोगियों में दौरे ज्यादा आते हैं तथा दवाएं कारगर नहीं होती उनमें ऑपरेशन के जरिए मस्तिष्क तंत्रिकाओं की खराबी को दूर किया जाता है। आजकल ऑपरेशन के दौरान भी इंट्रा ऑपरेटिव ईईजी के जरिए बीमारी के केंद्र की पहचान की जाती है। यही वजह है कि ऑपरेशनों के परिणाम आम सर्जरी की तरह बहुत अच्छे होते हैं। इससे जहां दौरे नियंत्रित होते हैं, दवा भी कम मात्रा में लेनी होती है।
अस्पताल के पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अजय गोयनका ने बताया कि मिर्गी प्रभावित बच्चों में दौरे आने पर चोट लगने, याददाश्त में कमी तथा पढ़ाई आदि भी प्रभावित होती है।
इस बच्ची में ईईजी, एम आर आई, पैट स्कैन और न्यूरो साइकोलॉजिकल एसेसमेंट के जरिए बीमारी के केंद्र की पहचान की गई तथा ऑपरेशन की तैयारी की गई। एपिलेप्सी सर्जरी सफल रही और बच्चे को तीन दिन बाद में छुट्टी दे दी गई। 
एमेरिटस चेयरमैन डा एम एल स्वर्णकार ने बताया कि यह जटिल ऑपरेशन चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह राज्य का पहला केंद्र है जहां इंट्रा ऑपरेटिव मॉनिटरिंग से नियमित रूप से मिर्गी सर्जरी की जा रही है।