जयपुर में उठी 'विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड' के गठन की मांग
12 अक्टूबर को जयपुर में निमित्तेकम सोसाइटी और धर्मांश फाउंडेशन द्वारा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 'हिन्दू आक्रोश दिवस' मनाया गया, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में प्रताड़ित हिन्दू अल्पसंख्यकों के लिए जागरूकता बढ़ाने और उन्हें समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस अवसर पर 'विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड' के गठन की मांग की गई, जिससे इन शरणार्थियों का पुनर्वास सुगम हो सके।
मुख्य वक्ताओं में पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, ओमेंद्र रत्नू, नीरज अत्री, रमणीक मान, वैभव सिंह, राकेश उत्तखंडी और प्रीतेश विश्वानाथ शामिल थे। कुलश्रेष्ठ ने हिन्दुओं के संगठन और समर्थन के महत्व पर जोर देते हुए इज़राइल का उदाहरण दिया, जहां एकजुटता ने वैश्विक समर्थन हासिल किया। उन्होंने सरकार से विश्वभर के हिन्दू शरणार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की और विस्थापित हिन्दू पुनर्वास बोर्ड के गठन की मांग की।
निमित्तेकम सोसाइटी और धर्मांश फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. ओमेंद्र रत्नू ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वहां हिन्दू समुदाय तेजी से खत्म होता जा रहा है और इन्हें बचाने के लिए भारत सरकार से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रोजेक्टों पर भी चर्चा की गई, जिनमें प्रोजेक्ट 'पालन' के तहत जयपुर में बच्चों को शिक्षा और आवश्यक संसाधन प्रदान करना और प्रोजेक्ट 'आत्मनिर्भर' के तहत महिलाओं को सशक्त बनाना शामिल है।