चार दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की

चार दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की

देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोककल्याण कारी नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा विधि प्रकोष्ठ के सदस्यता अभियान के तहत आज भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सौरभ सारस्वत के नेतृत्व में भाजपा मुख्यालय पर चार दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं और सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने कांग्रेस विधि विभाग के पूर्व जिलाध्यक्ष विमल सारस्वत, जेडीए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हुनमान सहाय शर्मा, आमेर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे ओमप्रकाश सैनी, राहुल व्यास, नशामुक्ति संस्थान के संचालक एवं राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हरीश भुटानी, कांग्रेस विधि विभाग के जिला महासचिव संजीव मील, कुंदन लाड़ना, सत्यनारायण खंडेलवाल, रमेश रावत और अतुल सारस्वत सहित अन्य लोगों को भाजपा  का दुपट्टा पहनाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई. सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने कहा कि सभी वर्गों से संदेश आ रहे हैं कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर विश्वास करते हैं.

 अधिवक्ता वर्ग समाज की वह कड़ी है जो किसी भी राजनैतिक दल में हो शीर्ष नेतृत्व करने का जिम्मा सदैव अधिवक्ता वर्ग के पास ही होता है। उसी कड़ी में आज समाज के प्रबुद्ध वर्ग अधिवक्तागण भाजपा परिवार में शामिल हो रहे हैं इन सभी का मैं स्वागत करता हूं। कांग्रेस की डूबती नाव को छोड़कर लोग दिल से भाजपा में शामिल हो रहे हैं.

 सभी ने यह माना है कि पीएम मोदी भारत माता की सेवा करने के लिए आए हैं, और उन्ही के नेतृत्व में 2047 के विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। आज विश्वभर में भारत का डंका बजा है, भारत की पहचान एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर होने लगी है। अर्थव्यवस्था से लेकर हर क्षेत्र में आज भारत विश्व में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है.

भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सौरभ सारस्वत ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी प्रधानमंत्री ने अंग्रेजों के बनाये हुए कानूनों में संसोधन करके आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम सहित अन्य कानूनों में बदलाव किये हैं।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता अपने आप में अनूठी है। केवल देश में ही नहीं बल्कि विश्व में भारत के निर्णयों की सराहना हो रही है.