लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश, विपक्ष का विरोध, वोटिंग में पक्ष को बहुमत
आज लोकसभा में देश के लिए अहम माने जा रहे 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे सदन में रखा। इसके साथ ही बिल पर जमकर सियासी घमासान भी देखने को मिला।
इलेक्ट्रॉनिक और पर्ची वोटिंग के बाद पक्ष को मिला बहुमत
बिल पेश करने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई। इसमें 220 सदस्यों ने पक्ष में और 149 ने विपक्ष में वोट डाले। हालांकि, कुछ सांसदों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह के सुझाव पर पर्ची से दोबारा वोटिंग कराई गई। इस बार 269 सांसदों ने पक्ष में और 198 ने विपक्ष में वोट डाले।
प्रधानमंत्री मोदी का निर्देश और संयुक्त संसदीय समिति (JPC)
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बताया कि जब यह बिल कैबिनेट में पेश किया गया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाए। कानून मंत्री इस प्रस्ताव को आगे बढ़ा सकते हैं।
विपक्ष ने जताई तीखी आपत्ति
बिल के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने तीखा विरोध किया। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि यह बिल 'देश में तानाशाही लाने की कोशिश' है। वहीं, अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
क्या है 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल?
यह बिल देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की व्यवस्था को लेकर है। सरकार का दावा है कि इससे समय और धन की बचत होगी, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है।
लोकसभा में इस मुद्दे पर आगे और बहस होने की संभावना है। देश की राजनीति में यह बिल एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।