सनातन धर्म की रक्षा और जयपुर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ मुहिम
जयपुर शहर की हवामहल विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले शहर के अंदरूनी हिस्सों (चारदीवारी क्षेत्र) में सालों से खंडहर पड़े पुराने मंदिरों की खोज की। उन्होंने इन खंडहर मंदिरों को जनता और सरकार के सामने लाकर सनातनी धरोहरों को जागरूकता के साथ पुनर्जीवित करने का काम किया। उनकी इस पहल को भाजपा ने सराहा और विधानसभा चुनाव में हवामहल से उन्हें उम्मीदवार बनाया, जहां वे जीतकर विधायक बने।
विधायक बनने के बाद बालमुकुंद आचार्य ने जयपुर शहर में हिंदू परिवारों के पलायन को रोकने, अवैध कब्जों को हटाने, और विभिन्न धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए। उन्होंने गैर-कानूनी निर्माण और सरकारी व गैर-सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने का बीड़ा उठाया, जिससे शहर में कानून व्यवस्था बनी रहे और सनातनी परंपरा सुरक्षित रह सके।
हालांकि, उनकी इस सक्रियता और प्रयासों के चलते उन्हें बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद से धमकियां मिल रही हैं। इन धमकियों में उन्हें मुंबई न आने की चेतावनी दी गई है। यह पहली बार नहीं है जब आचार्य को इस प्रकार की धमकियां मिली हैं; पहले भी कई बार उन्हें ऐसी धमकियों का सामना करना पड़ा है और इनकी जांच जारी है। इन धमकियों के बावजूद आचार्य ने साफ किया है कि वे इनसे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने दृढ़ता से कहा है कि "मैं सनातन धर्म की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूँ। अगर मुझे मुम्बई जाना पड़े, तो मैं आज ही वहाँ जाने को तैयार हूँ।"
बालमुकुंद आचार्य की यह दृढ़ता और प्रतिबद्धता न केवल उनके संकल्प को दर्शाती है बल्कि जयपुर में सनातनी परंपराओं और विरासत की सुरक्षा के प्रति उनकी निष्ठा को भी उजागर करती है।