भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के संघर्ष की कहानी
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के लिए पूरा देश भावुक है. जी हां ये वहीं लड़की है जो पहली भारतीय एथलीट जो ओंलम्पिक में गोल्ड़ लेकर आने वाली बनी. जी हां ये वह महिला भी है जिसको सड़को पर भी घसीटा गया और ना जाने क्या-क्या इसके खिलाफ अपमानजनक बाते कहीं गई. लेकिन इसने हार नहीं मानी. जीतने का जूनून लेकर वो हमेशा कभी दुनिया से लड़ती रही, तो रेसलर होने के नाते वो मैदान में भी लड़ती रही.. इस संघर्ष भरे जीवन में विनेश फोगाट ने कभी हार नहीं मानी, बहुत बार इनको हार का सामना करना पड़ा... लेकिन मजाल है की वो कभी पीछे हट जाए. लेकिन अब पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद उन्होने एक बड़ा फैसला ले लिया है.
पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालीफाई होने के बाद भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है.... विनेश ने X पर एक भावुक पोस्ट में अपने इस फैसले की घोषणा की है... उन्होंने लिखा है, "मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई. माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब.. अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।"
वहीं भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के संघर्ष को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक घोषणा की है. कि राज्य सरकार विनेश को ओलिंपिक सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी की तरह ही सम्मान-इनाम देगी. यह घोषणा विनेश के कुश्ती से संन्यास लेने के ऐलान के बाद आई है. वहीं जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के संन्यास की घोषणा से पहले, बुधवार रात को अपने डिसक्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की थी. उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की थी कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए. इससे पहले, विनेश ने फाइनल खेलने की मांग की थी, लेकिन फिर उन्होंने अपनी अपील बदलकर संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की. 7 अगस्त को विनेश का वजन उनकी तय कैटेगरी 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा निकला.
इसके बाद ओलिंपिक एसोसिएशन ने उन्हें फ्रीस्टाइल महिला कुश्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. विनेश ने अपने डिसक्वालिफिकेशन के बाद कहा, 'किस्मत खराब थी कि हम मेडल से चूक गए, लेकिन यह खेल का हिस्सा है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा से कहा था कि वे रेसलर की मदद के तरीके तलाशें.. पीएम मोदी ने उषा से इस मामले में विरोध दर्ज कराने को भी कहा था. एक तरफ यह भी कहा जा रहा है की भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर दिनशॉ पौडीवाला ने बताया कि विनेश और उनके कोच को 6 अगस्त की रात ही उनके ज्यादा वजन के बारे में पता चल गया था. इसके बाद विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं. डॉक्टर ने यह भी बताया कि विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे, उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे. इसके बावजूद उनका वजन नहीं घट पाया.
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने कहा, "यह बेहद खेदजनक है कि विनेश फोगाट को ज्यादा वजन के कारण महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम कैटेगरी में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। रातभर की कोशिशों के बावजूद सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक पाया गया। हम विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करते हैं और भारतीय दल आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। हम आने वाली प्रतियोगिताओं पर फोकस करना चाहेंगे।"
विनेश ओलिंपिक में फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बन गई हैं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को हराया। क्वार्टरफाइनल में उन्होंने यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी. विनेश का यह तीसरा ओलिंपिक है. 2016 के रियो ओलिंपिक में वह क्वार्टर से चोट के कारण बाहर हो गई थीं. 2020 में टोक्यो ओलिंपिक में वह क्वार्टर फाइनल मे पहुंचकर हार गई थीं. ओलिंपिक तक पहुंचने की उनकी ये लड़ाई काफी पहले शुरू हो गई थी. जब 2020 टोक्यो ओलिंपिक के बाद विनेश को बैन कर दिया गया. तब इंडियन रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था- हमने खोटा सिक्का भेजा था. बाद में पहलवानों और बृजभूषण के बीच लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई..इस बीच बैन से दुखी विनेश तानों से परेशान होकर डिप्रेशन में चली गईं. साइकोलॉजिस्ट के पास गईं तो उसने कहा कि अगर कुश्ती नहीं छोड़ी तो परेशानी बहुत बड़ी हो सकती है .विनेश नहीं रुकीं, कुश्ती लड़ती रहीं और तीसरे ओलिंपिक में जगह बनाई. विनेश फोगाट का संन्यास भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है. उनके संन्यास के बाद भारतीय कुश्ती में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है, जिसे भर पाना आसान नहीं होगा.