महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय की प्रतिमा पर हमला, सुरक्षा पर करारा तमाचा !

महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय की प्रतिमा पर  हमला, सुरक्षा पर करारा तमाचा !

आज जयपुर का 297वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा था, लेकिन इस खुशी के मौके पर शहरवासियों को एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना का सामना करना पड़ा...स्थापना दिवस के अवसर पर जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय की प्रतिमा पर  कथीत तौर पर एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति द्वारा पत्थर से हमला किया गया, जिससे न केवल प्रतिमा को भारी नुकसान हुआ, बल्कि शहरवासियों के मन में नगर निगम और प्रशासन की नाकामी को लेकर गहरी नाराजगी फैल गई.

वहीं आपको बता दे की इस घटना से कुछ ही समय पहले मेयर सौम्या गुर्जर ने गणेश पुजन किया था और इससे पूर्व बैनर पोस्टर लगवाये थे. यह घटना जयपुर के प्रसिद्ध स्टेच्यू सर्किल पर घटी, जहां आरोपी ने सवाई जयसिंह की प्रतिमा के सिर पर करीब डेढ़ घंटे तक लगातार पत्थर मारे। प्रतिमा की अत्यधिक बेकदरी और इस प्रकार के हमले ने शहर के नागरिकों को हैरान कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को उसके ऊंट के साथ गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस दौरान प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर हुई. 


अव सवाल यह उठता है कि जब सवाई जयसिंह की प्रतिमा शहर की ऐतिहासिक धरोहर और गौरव का प्रतीक है, तो नगर निगम के दोनों क्षेत्रों—ग्रेटर और हेरिटेज—के अधिकारियों, जिनमें मेयर और कमिश्नर भी शामिल हैं, इस गंभीर घटना के समय मौके पर क्यों मौजूद नहीं थे? क्या यह प्रशासन की निष्क्रियता नहीं है कि एक ऐसी घटना को होने दिया गया, जो जयपुर की प्रतिष्ठा और इतिहास को ठेस पहुंचाती है?


स्थानीय लोग और इतिहास प्रेमी इस घटना से आहत हैं और उनकी शिकायत है कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने सवाई जयसिंह की प्रतिमा की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया... जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व की इस प्रतिमा पर हमले से न केवल महाराजा सवाई जयसिंह के योगदान का अपमान हुआ है, बल्कि यह जयपुर की संस्कृति और इतिहास पर भी एक गहरा धब्बा है।


स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। उनका कहना है कि जयपुर की प्रतिष्ठित प्रतिमाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं न हो।


अब जबकि प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है, यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। जयपुर के नागरिकों का मानना है कि सवाई जयसिंह की प्रतिमा केवल एक ऐतिहासिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह जयपुर के गौरव और पहचान का हिस्सा है, जिसे बचाना हर जयपुरवासी का कर्तव्य है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों में ढिलाई बरतता है, तो उसका परिणाम न सिर्फ प्रतिष्ठा की हानि के रूप में सामने आता है, बल्कि स्थानीय लोगों का विश्वास भी टूटता है।