पुणे पोर्श कार कांड में नया खुलासा, पोर्श कार से कुचल डाले 2 इंजीनियर

पुणे पोर्श कार कांड में नया खुलासा, पोर्श कार से कुचल डाले 2 इंजीनियर

महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुए एक एक्सीडेंट ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है. इस मामले में एक नाबालिग लड़के ने अपनी पोर्शे कार से दो मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. यह हादसा रविवार, 19 मई 2024 को कल्याणी नगर में हुआ था. चौंकाने वाली बात यह है कि शराब के नशे में धुत नाबालिग आरोपी को कुछ घंटों बाद इस शर्त पर रिहा कर दिया गया कि वह 15 दिनों तक येरवडा ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा और रोड एक्सीडेंट पर एक निबंध लिखेगा.

हादसे में मारे गए आईटी कंपनी में काम करने वाले अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा अपने दोस्तों के साथ डिनर करके लौट रहे थे. तभी तेज रफ्तार से आ रही पोर्शे कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. मध्य प्रदेश के पाली के रहने वाले अनीस अवधिया और जबलपुर की अश्विनी कोस्टा की इस दुर्घटना में मौत हो गई. पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के मुताबिक, नाबालिग ने पहले एक पब में शराब पी थी, जहां उसका 48 हजार रुपये का बिल बना. इसके बाद वह एक अन्य पब 'ब्लैक मैरियट' गया. वहीं इस मामले को लेकर अश्विनी कोस्टा की मां ममता कोस्टा ने बताया कि उनकी बेटी जबलपुर लौटने की तैयारी में थी और उसने अपने पिता के जन्मदिन के लिए 18 जून का टिकट बुक कर लिया था. वहीं, अनीस अवधिया के मामा ज्ञानेंद्र सोनी ने कहा कि अनीस अपने परिवार की आर्थिक मदद करता था और उसकी मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है. इस मामले को लेकर जनता में भारी आक्रोश है। लोग इस बात से नाराज हैं कि एक जघन्य अपराध के आरोपी को इतनी रियायत क्यों दी गई.

पुलिस आयुक्त का कहना है कि उन्हें पब से 48 हजार का बिल मिला, जो नाबालिग द्वारा पे किया गया था. पुलिस ने बताया कि उनके पास नाबालिग और उसके कुछ दोस्तों के शराब पीते हुए सीसीटीवी फुटेज भी है और अब उनके ब्लड सैंपल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. अब तक जो जुटाए गए सबूत के आधार पर पुणे पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले युवक अनीस और युवती अश्विनी के घर वालों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है की नाबालिग आरोपी की जमानत को रद्द किया जाए. वहीं मृतक अनीश के परिजनों का कहना है की नाबालिग ने शराब पी रखी थी और वह तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था, इसलिए यह हत्या है, कोई हादसा नहीं.आरोपी के पिता ने इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर से खरीदी थी। डीलर ने टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन के बाद यह कार विशाल को सौंप दी, लेकिन जरूरी फीस नहीं देने के कारण उसका रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं हो सका था।RTO के अधिकारी संजीव भोर के मुताबिक यह कार मालिक की जिम्मेदारी थी कि वह रजिस्ट्रेशन करवाए। गाड़ी पुणे RTO ऑफिस में जांच के लिए आई थी, लेकिन फीस नहीं भरे जाने के कारण उसे रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिया गया। भारत में इस कार की कीमत 1.61 करोड़ से लेकर 2.44 करोड़ रुपए है.

लोगों ने बताया कि कार की टक्कर से बाइक सवार लड़की हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर आ गिरी थी और युवक पास खड़ी दूसरी कार में जा टकराया था। हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई. दोनों एक पार्टी से लौट रहे थे. इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में नाबालिग के प्रति किशोर न्याय बोर्ड के नरम रुख पर हैरानी जताई है.... फडणवीस ने बताया कि पुलिस ने हाईकोर्ट से नाबालिग को वयस्क मानकर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है, क्योंकि उसकी उम्र 17 साल 8 महीने है. उन्होंने कहा कि जेजे बोर्ड का आदेश चौंकाने वाला था और इस जघन्य अपराध के लिए बहुत उदार दृष्टिकोण अपनाया गया है. इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या कानून सभी के लिए समान है या फिर प्रभावशाली लोगों के लिए अलग? यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं.