खेलों सूखी होली
होली का त्योहार नजदीक आ गया है. होली के त्योहार के दिन, सजीवता और समरसता का महौल देखने को मिलता है, जो किसी भी त्योहार में नहीं मिलता. यह त्योहार रंगों की खुशियों को साझा करने का अवसर प्रदान करता है, लेकिन एक मित्र के वचनों में "होली का जश्न मनाते समय किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचे या किसी को बुरा न लगे" का मानना भी उसकी असली उपलब्धि है.
होली का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है. यहाँ तक कि बाजारों में इस त्योहार के तैयारियों का जोरदार अंदाज भी नजर आता है. लेकिन इस बार की होली अद्वितीय हो सकती है, क्योंकि लोग न केवल रंगों का आनंद ले. बल्कि साथियों और मेहमानों को गुलाल का तिलक लगाते हुए एक साथ जनभागीदारी का संदेश दे. क्योंकि इस समय, जहां विभिन्न होली के आयोजन हो रहे हैं, वहाँ अपील की जा रही है कि पानी के अपव्यय को कम किया जाए और सूखी होली का आनंद लिया जाए.... पानी के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाते हुए लोग सूखे गुलाल का इस्तेमाल कर सकते है. जिससे प्राकृतिक संसाधनों की बचत होगी. इसी कड़ी में, एक महत्वपूर्ण संदेश होली मनाने वाले सभी लोगों के लिए है कि वे अपने समर्थन में उत्तरदायित्वपूर्ण रहें, जो प्रकृति और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझते हैं. होली का जश्न मनाते समय, हमें न केवल रंगों के साथ खुशियाँ बांटनी हैं, बल्कि हमें पर्यावरण और समाज की देखभाल में भी योगदान देना चाहिए