नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रचा इतिहास, दिलाया सिल्वर मेडल

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रचा इतिहास, दिलाया सिल्वर मेडल

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया है. जी हां, भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता है.  26 साल के नीरज ने 89.45 मीटर दूर भाला फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया. इस उपलब्धि के साथ नीरज लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले, रेसलर सुशील कुमार और शटलर पीवी सिंधु ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतकर यह कारनामा किया था. वहीं पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड रचा है.

अरशद ने 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उनके दो थ्रो 90 मीटर से ज्यादा के रहे, जो कि अद्वितीय है. वहीं, ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया गौरवपूर्ण टिप्पणी की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नीरज एक्सिलेंस का जीता-जागता उदाहरण हैं.

उन्होंने बार-बार अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।" नीरज की मां ने कहा, "हमारे लिए सिल्वर ही गोल्ड के समान है. जिसने गोल्ड जीता, वह भी मेरा बेटा ही है।" वहीं, नीरज के पिता ने इस मेडल को विनेश फोगाट के जज्बे को समर्पित किया. नीरज चोपड़ा के संघर्ष और समर्पण की कहानी भी कम प्रेरणादायक नहीं है.

2010 में मात्र 12 साल की उम्र में नीरज ने जेवलिन थ्रो की शुरुआत की थी.  पानीपत के SAI सेंटर में अक्षय चौधरी नीरज के पहले कोच बने थे. अक्षय इस बात से प्रभावित थे कि नीरज इतनी कम उम्र में बिना किसी ट्रेनिंग के 40 मीटर दूर जेवलिन फेंक लेते थे. इसके बाद नीरज ने पंचकुला के ताउ देवीलाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नसीम अहमद से ट्रेनिंग ली, जहां उन्हें स्टैमिना और एंड्योरेंस बढ़ाने के लिए लॉन्ग डिस्टेंस रनिंग की ट्रेनिंग भी दी गई.

नीरज ने पंचकुला में तीन बार के ओलिंपिक चैंपियन जान जेलेनी के वीडियो देखकर उनकी स्टाइल की नकल करना शुरू किया. इसका असर यह हुआ कि नीरज का थ्रो 55 मीटर से बढ़कर 68.40 मीटर हो गया.  2012 में लखनऊ में नीरज ने इस प्रदर्शन के साथ गोल्ड मेडल भी जीता था.