बांग्लादेश ने पीएम मोदी की पोस्ट पर जताई आपत्ति, 1971 की जीत को बताया अपनी स्वतंत्रता

बांग्लादेश ने पीएम मोदी की पोस्ट पर जताई आपत्ति, 1971 की जीत को बताया अपनी स्वतंत्रता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है। बांग्लादेश के कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने इस पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है।

आसिफ नजरुल ने अपनी पोस्ट में लिखा, "1971 की जीत बांग्लादेश की अपनी जीत है, भारत इसमें सिर्फ एक सहयोगी था।" उन्होंने पीएम मोदी की पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए यह टिप्पणी की। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने 1971 के युद्ध की 53वीं वर्षगांठ पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान और योगदान को भारत की जीत का अहम हिस्सा बताया था।

1971 की जीत: भारत और बांग्लादेश ने मनाई वर्षगांठ
16 दिसंबर को भारत और बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध की 53वीं वर्षगांठ मनाई। यह वही युद्ध है जिसमें भारत की मदद से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से आजादी हासिल की थी। दोनों देशों ने इस मौके पर कोलकाता और ढाका में कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शहीदों को राष्ट्रीय स्मारक पर श्रद्धांजलि दी।

बांग्लादेश में विजय दिवस समारोह
विजय दिवस के मौके पर 1971 के युद्ध में शामिल आठ भारतीय सैनिक और दो मौजूदा अधिकारी ढाका पहुंचे, जबकि बांग्लादेश के मुक्तिवाहिनी सेनानी और सेना के अफसर कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।

बदलते सियासी हालात और शेख हसीना का इस्तीफा
इस बार का विजय दिवस खास इसलिए भी था क्योंकि यह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद पहला विजय दिवस था। बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को 30% आरक्षण देने के फैसले को जून 2024 में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद से देश में छात्र और आम जनता शेख हसीना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।

लगातार बढ़ते विरोध के चलते शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत में शरण ली। उनके इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में सेना ने कमान संभाल रखी है।

क्या है विवाद की असल वजह?
बांग्लादेश का यह रुख बताता है कि वह 1971 की जीत को अपनी स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखता है और इसे भारत की जीत कहना उसे नागवार गुजरा। इस विवाद ने भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है।