जनजाति क्षेत्र योजनाओं एवं विकास कार्यों की राज्यपाल ने समीक्षा की

जनजाति क्षेत्र योजनाओं एवं विकास कार्यों की राज्यपाल ने समीक्षा की

राज्यपाल कलराज मिश्र ने जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में विकास की गति को तेज करने का आह्वान किया. इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की, और अधिकारियों को जनजाति क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने तथा स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए. राजभवन में आयोजित इस समीक्षा बैठक में जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, जनजाति विकास विभाग के उच्च अधिकारी और संबंधित जिलों के कलेक्टर शामिल हुए. बैठक में राज्यपाल ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में सहज और सस्ता उपचार प्राथमिकता होनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, और शैक्षणिक-अशैक्षणिक पदों को भरने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित होना चाहिए, ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को समुचित और सस्ता उपचार मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने हर मंगलवार को शक्ति दिवस मनाने की पहल की सराहना की, जिससे अनीमिया उन्मूलन में सहायता मिली है. योजनाओं और विकास कार्यक्रमों की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग पर जोर दिया, ताकि आदिवासी क्षेत्रों में प्रभावी सुधार हो सके. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों, आश्रमों, और खेल छात्रावासों में रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग की कैडर स्ट्रेंथ सम्मिलित कर कार्यवाही की जाए. उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृति और भुगतान समय पर और शत प्रतिशत किए जाने पर भी जोर दिया, जिससे वंचित वर्ग के विद्यार्थी अधिक लाभान्वित हो सकें. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और स्वच्छ भारत मिशन के तहत अधिक लोगों को जोड़ने और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया. राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और संबंधित जिलों के कलेक्टर सुनिश्चित करें कि आदिवासी क्षेत्रों में बिजली और पेयजल की समुचित व्यवस्था हो.

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और शिशु मृत्यु दर और जानलेवा बीमारियों में कमी आई है. बैठक में यह भी बताया गया कि एम्स, जोधपुर के सहयोग से आदिवासी क्षेत्रों में सेटेलाइट सेंटर फॉर ट्राइबल हेल्थ एंड रिसर्च की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. जितेन्द्र सोनी ने स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग और सुधार के बारे में भी जानकारी दी. राज्यपाल ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए सभी को मिलकर प्रभावी क्रियान्वयन का आह्वान किया और जिला कलेक्टरों द्वारा किए जा रहे नवाचारों की सराहना की. राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने बैठक के आरंभ में जनजाति क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और राज्यपाल की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया. इस बैठक में जनजाति विकास विभाग के सचिव जोगाराम, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. जितेन्द्र सोनी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद रहे. यह बैठक जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.

राज्यपाल द्वारा दी गई दिशा-निर्देशों से इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के अवसरों में सुधार की उम्मीद है. इस बैठक के बाद, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करें और राज्यपाल के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें, ताकि जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके और लोगों को उनके हक का लाभ मिल सके.