कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उलटे पांव लौटाया
उदयपुर में सरकारी संस्थागत सहकारी बैंक में शुक्रवार सुबह इस बैंक के पूर्व अध्यक्ष मथुरेश नागदा और उनके कांग्रेस समर्थित कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया. नागदा जबरन अध्यक्ष पद हथियाना चाह रहे थे जबकि उच्च न्यायालय ने इस पद पर भाजपा के रेवाशंकर को बिठा रखा है. सुबह बैंक खुलने के करीब आधा घंटा बाद भूमि विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन एवम वर्तमान में डायरेक्टर मथुरेश नागदा अपने साथ पार्षद शंकर चंदेल, कमल चौधरी, नवीन नागदा सहित 15 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शास्त्री सर्किल स्थित बैंक भवन पहुंचे. उस वक्त हाई कोर्ट के आदेश से काबिज अध्यक्ष रेवाशंकर व उपाध्यक्ष किशन निमावत अपने कक्षों में बैठे थे. नागदा के साथ आए कांग्रेस समर्थकों ने बैंक में रखी कुर्सियों पर कब्जा जमा लिया. कांग्रेस समर्थकों ने अपनी पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाए.
कार्यकर्ताओं ने मथुरेश नागदा को फूल मालाओं से लाद दिया. आपस में एक दूसरे को मिठाई खिलायी गई. नागदा ने खुद को चेयरमैन चुने जाने पर खुशी जाहिर कर सबका आभार माना. इस बीच भूमि विकास बैंक के काबिज चेयरमैन रेवा शंकर ने भूपालपुरा थाना और अपनी पार्टी भाजपा नेताओं को इतला दी गई. पुलिस को अचानक आया देख नागदा व उनके समर्थक सकपका गए. बैंक के भाजपा बोर्ड के सपोर्ट में बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नागदा, मनीष शर्मा, राकेश मोगरा, गोपाल पालीवाल, घनश्याम सिंह चौहान, महेंद्र ओझा, अशोक सिंघवी बैंक पहुंचे। पुलिस और भाजपा पदाधिकारियों ने मथुरेश नागदा से दस्तावेज मांगे जिन के आधार पर वे बैंक चेयरमैन पद हथियाना चाह रहे थे. कोई दस्तावेज न होने से नागदा जहित कांग्रेस समर्थक बैंक से बाहर निकल गए. बैंक के वर्तमान चेयरमैन रेवाशंकर गायरी व वाईस चेयरमैन किशन निमावत ने बताया कि 23 मई 2016 को चुनाव हुए थे तब से वे ही इन पदों पर काबिज हैं. पिछले साल 2023 में बैंक की लघुत्तर इकाइयों के चुनाव हुए थे मगर निदेशक नहीं चुने गए. निदेशक ही चेयरमैन का चुनाव करते हैं. अतः राजस्थान हाइकोर्ट से मार्गदर्शन मांगा गया. हाई कोर्ट ने 15 दिन पूर्व आदेश जारी कर रेवा शंकर गायरी को ही भूमि विकास बैंक अध्यक्ष का पदभार संभालने का आदेश दिया.