मंदिर रामगोपाल में तीन दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भण्डारे के साथ समापन
गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में दक्षिण भारतीय विद्वानों द्वारा सम्पन्न कराया गया महानुष्ठान. उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि मठ श्री गलता जी के अन्तर्गत मंदिर श्री रामगोपाल जी में परम पूज्य गलतापीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित श्री स्वामी सम्पतकुमार अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में 3 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया.
श्री गलता पीठ के युवाचार्य स्वामी श्री राघवेन्द्र जी ने बताया कि श्री गलता पीठ के अन्तर्गत आमेर रोड स्थित मंदिर श्री रामगोपाल जी में श्री किशोरी जी की मूर्ति का 3 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया। उल्लेखनीय है कि किशोरी जी का पंचधातु से निर्मित अति दिव्य व दर्शनीय विग्रह दक्षिण भारत में बनवाया गया व वैदिक विधि के साथ दक्षिण भारतीय विद्वानों द्वारा विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिवस गलतापीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज के पावन सान्निध्य में प्रातः हवन के साथ महानुष्ठान कि पूर्णाहुति की गयी. इसके पश्चात किशोरी जी के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा भगवान रामगोपाल के सन्निकट की गई. इसके पश्चात अम्मा जी और भगवान का अति आकर्षक श्रृंगार कर आरती की गई.
दक्षिण भारत से पधारे श्री यादगिरी स्वामी जी एवं उनके साथ पधारे अन्य विद्वानों ने प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न कराया. दक्षिण भारत से पधारे पाक शास्त्रियों द्वारा निर्मित गोष्ठी प्रसादी नित्य भगवान को भोग लगाई गई. कलकत्ता से मंगाई गयीं मालायें भगवान को धारण कराई गयीं. सन्त-महन्त उपस्थित रहे, किया गया सम्मान प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में दक्षिण मुखी बालाजी के महंत बालमुकुन्दाचार्य जी महाराज, बिहारी जी मंदिर के महन्त श्री नरेन्द्र जी महाराज, श्री सचिन जी महाराज, लक्ष्मीनारायण के महंत मंदिर के श्री त्रिविक्रमाचार्य जी महाराज, श्री मुरली मनोहर मंदिर के शैलेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज, सरस-निकुंज के महन्त जी श्री अलबेली माधुरीशरण जी महाराज, श्री नृसिंह मंदिर के महन्त श्री नारायणाचार्य जी महाराज, श्री नहर के गणेश जी मन्दिर के महन्त श्री जय शर्मा जी, श्री मानव शर्मा जी सहित अनेकों सन्त-महन्त उपस्थिति रहे। श्री गलता पीठ के युवाचार्य श्री राघवेन्द्र जी महाराज ने सभी सन्तों का माला, दुपट्टा, भेंट, प्रसाद आदि से बहुमान-सम्मान किया.