कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एनवायरनमेंट समिट का 7वां संस्करण

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एनवायरनमेंट समिट का 7वां संस्करण

जयपुर में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा आयोजित एनवायरनमेंट समिट के 7वें संस्करण में आज "रोडमैप फॉर सस्टेनेबिलिटी: थिंक ग्रीन, एम्ब्रेस ग्रीन एंड सेव वॉटर" थीम पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ. इस अवसर पर राजस्थान सरकार के पीएचईडी और भूजल विभाग के सेक्रेटरी, डॉ. समित शर्मा ने कहा, "विकास 'सस्टेनेबल' होना चाहिए, हानिकारक नहीं।"डॉ. समित शर्मा ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी के लिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन आवश्यक है.

सभी उद्योगों को वॉटर न्यूट्रल और आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "वहां वर्षा जल संचयन और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की व्यवस्था होनी चाहिए. ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने और अपनाने की आवश्यकता है, जो पानी के उपयोग को कम से कम करें।"समिट में भाग लेने वाले उद्योगपतियों, पर्यावरणविदों और सरकारी अधिकारियों ने सस्टेनेबिलिटी के महत्व पर चर्चा की. डॉ. शर्मा ने बताया कि इन कदमों से यह सुनिश्चित होगा कि हमारे देश में हो रहा विकास सस्टेनेबल हो और पर्यावरण के लिए हानिकारक न हो।.

उन्होंने कहा, "हमें उन नीतियों और प्रक्रियाओं को अपनाना होगा जो पानी की बचत करें और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें।"कार्यक्रम में सीआईआई के प्रमुख अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सस्टेनेबिलिटी के प्रति अपने समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सस्टेनेबल प्रथाओं को अपनाना चाहिए और सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना चाहिए. एनवायरनमेंट समिट के इस संस्करण में सस्टेनेबिलिटी के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई और कई विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए. समिट का मुख्य उद्देश्य था उद्योगों को जागरूक करना और उन्हें सस्टेनेबल विकास की दिशा में प्रेरित करना.