जयपुर में बन रहा देश का सबसे ऊंचा अस्पताल : एयरलिफ्ट के लिए छत पर हेलीपैड की व्यवस्था
देश में बेहतर इलाज और मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब 1200 बेड वाले सबसे ऊंचे हॉस्पिटल का निर्माण चल रहा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में देश का सबसे ऊंचा अस्पताल बनाया जा रहा है। बता दें कि प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसकी शुरुआत की थी और अब तक इसका काफी काम हो चुका है। अनुमान है कि इस अस्पताल को अगले साल यानी साल 2025 तक जनता के लिए शुरू भी कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि देश का सबसे लंबा अस्पताल जयपुर में बन रहा सवाई मान सिंह हॉस्पिटल है। इस अस्पताल की बिल्डिंग में 1200 बेड बनाए जा रहे हैं। 24 मंजिल का यह अस्पताल करीब 116 मीटर लंबा है। इस असप्ताल की खास बात यह है कि किसी अन्य जगह से एयरलिफ्ट कर लाए जाने वाले मरीजों के लिए इस अस्पताल की छत पर ही हेलीपैड बनाया जा रहा है। इसका निर्माण साल 2025 तक यानी भाजपा की भजनलाल सरकार में ही पूरा होने का दावा किया जा रहा हैं और इस अस्पताल के निर्माण पर आने वाला कुल खर्च करीब 588 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। मेडिकल टॉवर का निर्माण जेडीए यानी जयपुर विकास प्राधिकरण करवा रहा है,,, जिसके लिए जेडीए ने निर्माण कार्य का ठेका रामा कंस्ट्रक्शन को दिया है।
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने साल 2022 में इस अस्पताल के निर्माण का शिलान्यास किया था। इसमें ओपीडी के अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्डियोवैस्कुलर साइंस भी बनाया जा रहा है। राजस्थान सरकार ने इसका निर्माण आरटीएच यानी राइट टू हेल्थ एक्ट के तहत शुरू किया था और इसका लक्ष्य सभी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। एसएमएस अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग पहले से ही मेडिकल सुविधाएं दे रही है और यहां हर दिन करीब 15 हजार मरीजों को ओपीडी में देखा जा रहा है। नई बिल्डिंग तैयार होने के बाद इन मरीजों को ज्यादा बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
इस टॉवर में कुल 24 मंजिलें होंगी... जहां करीब सभी तरह की बीमारियों के इलाज की सुविधाएं दी जाएंगी। बताया जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा अस्पताल होगा,,,, जिसकी पहली मंजिल पर स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाएगी। टॉवर में 6 ओपीडी, 34 जनरल वार्ड, 53 आईसीयू, 5 कैथलैब और 3 ऑपरेशन थियेटर बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा टॉवर के नीचे 2 मंजिला भूमिगत पार्किंग होगी और शुरूआत की 4 मंजिल तक ओपीडी रूम, सिटी स्कैन, एमआरआई लैब, कार्डियक डायग्नोसिस, हीमेटोलोजी, रजिस्ट्रेशन काउंटर और अन्य सुविधाएं होंगी।
जानकारी के मुताबिक टॉवर के ग्राउंड फ्लोर पर फूड आउटलेट, रजिस्ट्रेशन काउंटर और दवा की दुकानें बनेंगी। इसके बाद पहली मंजिल पर मेडिकल साइंस गैलरी, एडमिन ब्लॉक, सेमिनार रूम, थियेटर और वेटिंग रूम भी बनाए जाएंगे। वहीं दूसरी मंजिल पर डायग्नोस्टिक, एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी सर्विस, न्यूक्लियर मेडिसीन और लैब बनाई जा रही है। जबकि तीसरे फ्लोर पर 6 आईसीयू और इससे जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके बाद हर मंजिल पर जनरल बैड और रूम की सुविधाएं मिलेंगी।
वहीं इस मेडिकल टॉवर में सबसे ऊपरी मंजिल पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा... जहां एयर एम्बुलेंस के जरिए मरीजों को लाया जा सकेगा। मालूम हो कि हार्ट ट्रांसप्लांट सहित अन्य कई गम्भीर मरीजों के इलाज के लिए अक्सर पुलिस ग्रीन कॉरिडोर बनाकर वाहन को निकालती है। अब सवाई मानसिंह अस्पताल में बनने वाले मेडिकल टॉवर पर हेलीपैड बनाए जाने के बाद लोगों को आवागमन में आसानी होगी और ग्रीन कॉरिडोर बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एसएमएस अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की माने तो सवाई मान सिंह अस्पताल में हर महीने करीब 700 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की जाती है। जो यह बताता है कि बड़ी संख्या में हृदय रोगियों को चिकित्सा सुविधा की जरूरत है और सवाई मान सिंह अस्पताल की नई बिल्डिंग इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। यहां हार्ट सर्जरी के लिए दूसरे राज्यों से भी मरीज आ सकेंगे। इमरजेंसी में एयरलिफ्ट कर लाए गए मरीजों के लिए छत पर ही हेलीपैड बनाया गया है।
पत्रकार
पवन शर्मा