राजस्थान को मिलेगा आगामी 7 पीढ़ियों के लिए पानी, PM मोदी करेंगे परियोजना का उद्घाटन
राजस्थान को जल संकट से निजात दिलाने के लिए एक बड़ी परियोजना शुरू होने जा रही है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने रविवार को सूरत में यह बयान दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को जयपुर में जिस परियोजना का उद्घाटन करेंगे, उसके तहत 11 नदियों को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से राजस्थान को जल-अधिशेष राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे आने वाली 7 पीढ़ियों की पानी की आवश्यकता पूरी होगी।
इस परियोजना का नाम पहले पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना था, जिसे अब पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के नाम से जाना जाएगा। इस परियोजना में प्रमुख नदियों जैसे चंबल, पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज को शामिल किया गया है। इस MoU को राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों ने जनवरी 2024 में जलशक्ति मंत्रालय के साथ साइन किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिससे राजस्थान के 21 जिलों में जल संकट समाप्त होगा। इनमें झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर सहित अन्य जिले शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश के जिलों जैसे गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम और ग्वालियर में भी पानी की समस्या हल हो जाएगी।
इस परियोजना के तहत पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और औद्योगिक जल की मांग को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, राजस्थान के कोटा जिले में काली सिंध नदी पर बना पहला नोनेरा एबरा बांध सितंबर में शुरू हो चुका है। इस बांध के माध्यम से 170 किलोमीटर दूर पानी को पहुंचाने के लिए पंपिंग, ग्रेविटी चैनल, फीडर कैनाल, सुरंग और पुलिया जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।
यह परियोजना राज्य में जल संकट को समाप्त करने और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।