अपेक्स यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस: 350 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने लिया हिस्सा!

जयपुर। भारतीय संस्कृति में ज्योतिष का विशेष महत्व रहा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर और पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में "पाल बालाजी ज्योतिष ज्ञान महोत्सव" के अंतर्गत एक भव्य अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में 350 से अधिक ज्योतिषाचार्यों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और ज्योतिष प्रेमियों ने भाग लिया। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्घाटन सोमवार को पूर्व सांसद एवं राज्यमंत्री ओंकार सिंह लखावत ने किया। इस अवसर पर संजय शिक्षा समिति के सचिव मनोज जूनीवाल, अपेक्स यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ रवि जूनीवाल, कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु, आयोजन सचिव एवं प्रसिद्ध भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
ज्योतिष का आधुनिक समाज में महत्व
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि भारतीय परंपरा और ज्योतिष ज्ञान अत्यंत समृद्ध है, और इसका उपयोग करके जीवन की जटिल समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों में ज्योतिष को पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह सुझाव दिया कि ज्योतिष आधारित कोर्सेज को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में लागू किया जाना चाहिए।
सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए महत्वपूर्ण विचार
सम्मेलन के दौरान, देश-विदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। ज्योतिष के विद्वानों ने विवाह, करियर, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जीवन विषयों पर ज्योतिषीय समाधान और उनके प्रभाव पर चर्चा की। सम्मेलन में ज्योतिष के विभिन्न आयामों जैसे वैदिक ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान, टैरो कार्ड रीडिंग, लाल किताब, केपी ज्योतिष, अंक ज्योतिष और वास्तु विज्ञान पर गहन मंथन किया गया।
विवाह विच्छेद की समस्या और ज्योतिषीय समाधान
आज के समय में विवाह विच्छेद एक बड़ी सामाजिक समस्या बनती जा रही है। इस विषय पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि विवाहों में अत्यधिक धन प्रदर्शन और परंपरागत संस्कारों की अनदेखी के कारण दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ रहा है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि विवाहों में ज्योतिषीय मुहूर्त का पालन किया जाना चाहिए और विवाह संस्कारों में भारतीय परंपराओं को महत्व देना चाहिए।
डॉ. खेमराज शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को सूर्योदय से पूर्व उठकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह नियम न केवल आध्यात्मिक रूप से लाभकारी है, बल्कि इससे ग्रह दशाओं में सुधार भी होता है, जो भविष्य को संवारने में सहायक होता है।
ज्योतिष और सामाजिक परिवेश
ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रेम शंकर शर्मा ने बताया कि सामाजिक परिवेश भी व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, तनाव और पारिवारिक मूल्यों में हो रहे परिवर्तन भी ज्योतिषीय प्रभावों के साथ मिलकर व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित करते हैं। डॉ. मनोज गुप्ता ने कहा कि ज्योतिष एक पारसमणि की तरह कार्य करता है, जो हर समस्या का समाधान देने में सक्षम है।
ज्योतिष के विभिन्न अंग और उनका महत्व
सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन डॉ. लेखराज शर्मा ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए ज्योतिष के विभिन्न अंगों का समन्वित अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वैदिक ज्योतिष, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान और वास्तुशास्त्र को एक साथ रखकर यदि किसी व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण किया जाए, तो अधिक सटीक भविष्यवाणी संभव हो सकती है।
डॉ. के ए दुबे पद्मेश और डॉ. विनय विनायक पुलाह ने विद्यार्थियों के करियर चयन में ज्योतिष के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ज्योतिष का गहन अध्ययन विद्यार्थियों को सही विषय चुनने में सहायता कर सकता है, जिससे वे अपने करियर में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
सम्मेलन में विद्वानों का सम्मान
सम्मेलन की संयोजक रंजीता व्यास एवं सह-संयोजक नीतिका शर्मा ने बताया कि इस भव्य आयोजन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर, कानपुर, लखनऊ, हिमाचल प्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों के ज्योतिष विशेषज्ञ शामिल हुए। इस अवसर पर विभिन्न विषयों पर विद्वानों ने अपने विचार रखे, जिनमें शिक्षा एवं करियर में ग्रहों की भूमिका, दांपत्य जीवन में तनाव और उसके निवारण, वास्तु दोषों का निवारण और भाग्य सुधारने के उपाय शामिल थे।
अंत में, कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले सभी विद्वान ज्योतिषाचार्यों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजन समिति ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों और गणमान्य अतिथियों को धन्यवाद दिया।
यह अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोलॉजी कॉन्फ्रेंस भारतीय ज्योतिष शास्त्र के प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। इस सम्मेलन ने यह प्रमाणित किया कि ज्योतिष न केवल भविष्यवाणी का माध्यम है, बल्कि यह जीवन की कठिनाइयों को हल करने के लिए एक प्रभावी विज्ञान भी है। इसके साथ ही, इस आयोजन ने यह भी दिखाया कि ज्योतिष को आधुनिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करने से विद्यार्थियों को न केवल आत्मविश्वास मिलेगा, बल्कि वे अपने भविष्य को भी बेहतर बना सकेंगे।
भविष्य में भी ऐसे आयोजन होते रहें, जिससे ज्योतिष का गहन अध्ययन और उसकी वैज्ञानिकता पर चर्चा हो, यही इस सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धि रही।
पवन कुमार शर्मा,
वरिष्ठ पत्रकार।