स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना जरूरी- राज्यपाल

स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना जरूरी- राज्यपाल

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति के क्षीण होने और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की। ये विचार उन्होंने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में आयोजित 'प्राकृतिक खेती पर जागरूकता' विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए।

राज्यपाल बागडे ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग पचास साल पहले शुरू हुआ और आज इसके गंभीर दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने जल संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात करते हुए शून्य खर्च आधारित खेती के महत्त्व को रेखांकित किया। 

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इस अवसर पर कृषि और कृषक कल्याण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए प्राकृतिक खेती की ओर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बीकानेर के सुशासन के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम की जानकारी दी।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने प्राकृतिक खेती को भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने वाली प्राचीनतम पद्धति बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर राज्यपाल ने 'फसल अवशेष प्रबंधन हेतु स्टबल चॉपर सह स्प्रेडर' पुस्तक का विमोचन भी किया और विश्वविद्यालय द्वारा विकसित स्टबल चॉपर सह स्प्रेडर का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।