पश्चिमी राजस्थान में पाक विस्थापितों का दर्द कब सुनेगी सरकार? - रवींद्र सिंह

पश्चिमी राजस्थान में पाक विस्थापितों का दर्द कब सुनेगी सरकार? -  रवींद्र सिंह

पश्चिमी राजस्थान के जिलों में पाक विस्थापितों की व्यथा अब असहनीय हो चुकी है। गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने सरकार से पूछा कि जिला बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा में विगत पांच वर्षों में पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान करने के संबंध में कितने आवेदन प्राप्त हुए और उनमें से कितनों का निस्तारण किया गया तथा कितने लंबित हैं। इस पर कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर ने जानकारी दी कि पिछले पाँच वर्षों में इन जिलों से कुल 373 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से केवल 84 का निस्तारण हुआ और 289 आवेदन अभी भी लंबित हैं।

इसमें बाड़मेर से 72 में से केवल 28 आवेदन, जैसलमेर से 294 में से 56 आवेदन निस्तारित हुए और बलोतरा से प्राप्त 7 आवेदनों में से एक भी निस्तारित नहीं हो पाया है। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पाक विस्थापितों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। 

विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने सवाल उठाया कि सरकार इन लंबित आवेदनों को कब तक निस्तारित करेगी और नागरिकता प्रदान करेगी। जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार निकट भविष्य में जिला स्तर पर विशेष नागरिकता कैंप आयोजित कर पात्र आवेदकों को नागरिकता प्रमाण-पत्र प्रदान करेगी। 

भाटी ने यह भी कहा कि पाक विस्थापित नियमों और प्रक्रियाओं से अपरिचित होने के कारण आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा नहीं कर पाते, जिससे नागरिकता आवेदन पत्रों का निस्तारण में विलंब होता है। उन्होंने विशेष हेल्प डेस्क, सलाह केंद्र और नोडल अधिकारी नियुक्त करने का सुझाव दिया ताकि आवेदन पत्रों का शीघ्र निस्तारण हो सके। 

मंत्री ने बताया कि नए कानून के तहत कलेक्टर को इसका इंचार्ज बनाया गया है और हर महीने जिला स्तर पर कैंप आयोजित किए जाएंगे। राजस्थान में कुल 1566 लंबित आवेदन हैं, जिनमें से 300 आवेदन आईबी की रिपोर्ट के कारण लंबित हैं। 2016 से 2024 तक कुल 2329 पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान की जा चुकी है।

मीडिया से बात करते हुए रवींद्र सिंह भाटी ने पाक विस्थापितों की पीड़ा को व्यक्त किया। वीज़ा संबंधित परेशानियों के कारण विवाह और अन्य सामाजिक कार्यों में मुश्किलें आती हैं। सीमा के दूसरी ओर रिश्तेदारों से मिलना और अंतिम संस्कार में भाग लेना भी मुश्किल हो जाता है। भाटी ने राज्य सरकार से विदेश मंत्रालय से बात कर वीज़ा समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने का आग्रह किया। 

राज्य सरकार ने विस्थापितों को आवास देने की घोषणा की थी, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए अधिक राशि दी जाती है। भाटी ने सरकार से मांग की कि पात्र लोगों को जल्द ही सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पाक विस्थापित भूमिहीन हैं और भूमि आवंटन में भी तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 

उन्होंने शिक्षा की कमी के कारण नागरिकता प्रक्रिया में समस्याओं का भी जिक्र किया और विशेष नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया। राज्य में "पाक विस्थापितों की समस्याओं के समाधान हेतु राज्य स्तरीय समिति" गठित की गई है, और भाटी ने समिति द्वारा नियमित बैठकें कर समस्याओं का समाधान करने की अनुशंसा की। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर पाक विस्थापितों के लिए वंचित वर्ग की योजनाओं का लाभ प्रदान करने का भी आग्रह किया।