जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय का 20 वां दीक्षांत समारोह आयोजित
राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय श्रेष्ठ छात्र ही नही अपितु भावी नागरिक भी समाज को दे, जो अपने ज्ञान का उपयोग देश की समृद्धि और संपन्नता के लिए करें. उन्होंने कहा की विद्यार्थी विशाल हृदयी बनें और संकल्प ले की वे स्वयं अपने लिए ही नहीं प्राणी मात्र के लिए भी कार्य करेंगे. उन्होंने संविधान को सर्वोच्च बताते हुए अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर विज्ञान, अभियान्त्रिकी कला, साहित्य, संस्कृति, मीडिया एवं तकनीकी विषयों में विशेष ज्ञान प्राप्त करें. राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय उत्कृष्ट और सर्वोच्च ज्ञान के केन्द्र बनें. जीवन में असली ज्ञान तत्व, आपकी सतत प्रगति, मेहनत और प्रतिबद्वत्ता में ही निहित है, जो जितना तपेगा उतना ही निखरेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के ऐसे केंद्र बनें, जहां जीवन व्यवहार की शिक्षा मिलें। जिससे जीवन आलोक पथ पर निरंतर अग्रसर रहे. मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका आयोजन आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि योग भारत की वह महान परम्परा है, जिसने हमारे देश को कभी विश्वगुरू के रूप में पहचान दिलाई थी. आदर्श जीवन शैली के लिए यह आज भी महत्वपूर्ण है क्योंकि योग द्वारा हम स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की ओर अग्रसर होते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में व्यावसायिक एवं जीवन कौशल शिक्षा के व्यावहारिक पाठ्यक्रमों पर जोर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति केन्द्रित जीवन मूल्यों से जुड़ी यह शिक्षा नीति भारत के सुनहरे भविष्य की राह है, इसलिए सभी विश्वविद्यालय इसे पूरी तरह से लागू करने के साथ इसमें निहित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करे। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम ऐसे हो जिसमें भारतीय ज्ञान एवं संस्कृति का समावेश हो, ताकि शिक्षा प्राप्ति के बाद हम मानवता के कल्याण के लिए काम कर सकें. मिश्र ने कहा कि युवा भारत का भविष्य है। उन्हें परम्परागत शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा मिले। ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवा अधिकाधिक आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री उच्तर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 100 करोड रूपये की अनुदान राशि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत शैक्षिक प्रविधियों एवं अन्य सुविधाओं के विकास के लिए शिक्षा के उन्नयन में किया जाए.
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के 20 वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने सत्र 2022 की 52 हजार डिग्रियों का अनुमोदन किया। मिश्र ने कला, वाणिज्य, विधि, इंजीनियरिंग एवं विज्ञान संकाय के स्नातकोत्तर के 4838 छात्र-छात्राओं, स्नातक में कला संकाय के 35 हजार 240, वाणिज्य के 4594, विधि के 1033, इंजीनियरिंग के 583 और विज्ञान संकाय के 5544, पीएचडी की 168 उपाधियां और टॉपर 73 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इन स्वर्ण पदकों में से 69 विश्वविद्यालय पदक, एक कुलाधिपति पदक एवं तीन डोनर पदक शामिल है. आरंभ में सभी को उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया. समारोह में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. एल. श्रीवास्तव विभिन्न संकायों अधिष्ठाता, निदेशक, सिंडीकेट एवं सीनेट के सदस्य, दीक्षांत समारोह के संयोजक, शिक्षक, अधिकारी, उपाधि एवं पदक प्राप्त विद्यार्थी सहित उनके अभिभावक उपस्थित रहे.