जयपुर के गोपालपुरा बाईपास पर कोचिंग हादसा- छात्रों की सुरक्षा पर उठे सवाल

जयपुर के गोपालपुरा बाईपास पर कोचिंग हादसा- छात्रों की सुरक्षा पर उठे सवाल

जयपुर का गोपालपुरा बाईपास, जो हर दिन हजारों छात्रों के सपनों का केंद्र बनता है, रविवार को अचानक एक डरावने हादसे का गवाह बना। उत्कर्ष कोचिंग में दर्जन भर छात्र-छात्राएं बेहोश हो गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटनास्थल पर एफएसएल टीम की जांच शुरू हो गई है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और अनजानी गैस या सीवर की गंध जैसी संभावित कारणों ने बच्चों की जान जोखिम में डाल दी।

इस हादसे ने एक बार फिर राजस्थान के कोचिंग हब की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन के बयान बदल रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक घटना तक सीमित रहेगा या कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था में स्थायी सुधार होगा?

यह पहली बार नहीं है जब कोचिंग संस्थानों की असुरक्षा सामने आई हो। पिछले साल कोटा में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने से तीन छात्रों की जान चली गई थी। हाल ही में दिल्ली में भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया, जिसमें कुछ छात्रों की मौत हो गई। पुणे में छात्रों की मानसिक स्थिति बिगड़ने से आत्महत्याओं की संख्या बढ़ रही है। हर घटना के बाद जांच के आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन परिणाम वही अव्यवस्था और लालच का आलम है।

जयपुर में प्रशासन ने प्रताप नगर को व्यवस्थित कोचिंग हब बनाने की कोशिश की, लेकिन गोपालपुरा बाईपास जैसे इलाकों में अव्यवस्थित और असुरक्षित कोचिंग संस्थान क्यों फल-फूल रहे हैं, यह बड़ा सवाल है। क्या नगर निगम और जिला प्रशासन सिर्फ कागजों में नियम लागू कर रहे हैं, या ये संस्थान मुनाफे की बलि चढ़ चुके हैं?

घटना के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। जहां छात्र नेता प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं कोचिंग के समर्थक और विरोधी छात्रों के बीच नारेबाजी हो रही है। कुछ छात्र कोचिंग के समर्थन में उतरे हैं, यह कहते हुए कि विरोध करने वाले केवल राजनीति कर रहे हैं। वहीं, विरोधी छात्रों ने प्रशासन और कोचिंग मालिकों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया है।

इस दौरान, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कार्रवाई का वादा किया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वादा भी बाकी वादों की तरह अधूरा रह जाएगा? छात्र नेता निर्मल चौधरी ने पूरी रात धरना दिया और कहा, "क्या प्रशासन को बच्चों की जिंदगी से ज्यादा कुछ और जरूरी लगता है?"

कोचिंग सेंटर वह जगह है जहां बच्चों के सपने उड़ान भरते हैं, लेकिन यह उड़ान उनके जीवन का आखिरी अध्याय न बने, यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।