प्रशासन राजस्थान सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा ! :-गिर्राज गौतम

कोटा क्षेत्र के किसान खरीफ की फसलों के लिए नहरी पानी की मांग को लेकर आंदोलनरत हे लेकिन सीएडी प्रशासन किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। आज किसान प्रतिनिधियों ने आगामी आंदोलन की तैयारियों के लिए पत्रकार वार्ता की। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा की सीएडी प्रशासन नहरों में आवश्यकता होने ओर किसानों की मांग पर पानी नहीं छोड़ कर राजस्थान सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि किसान लगातार पानी मांग कर रहे हैं और सीएडी प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा हे। किसान अभी तक शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हे परन्तु अगर किसानों को समय पर नहरी पानी नहीं मिला तो आंदोलन उग्र हो सकता है क्योंकि किसान अपनी आंखो के सामने अपनी फसल को बर्बाद होते नही देख सकता। गौतम ने कहा की सीएडी प्रशासन के अधिकारी तकनीकी बहाना बनाकर पानी नहीं छोड़ना चाहते नहरों में पानी प्रवाहित होने से उन्हें फील्ड में दौड़ना पड़ेगा वो अपनी जिम्मेदारी से बचाना चाहते है। गौतम ने कहा की के.पाटन, बूंदी, तालेड़ा, कापरेन, लाडपुरा, दीगोद, सुल्तानपुर,मांगरोल, अंता आदि में क्षेत्र की 6 विधानसभा में 1लाख 70 हजार से अधिक किसान परिवारों ने लगभग 2लाख 50 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की रोपाई कर रहे हे जिसमे से अधिकतर क्षेत्र के.पाटन और बूंदी का हे जंहा धान की खेती होती है। लगभग 3 हजार करोड़ का आर्थिक चक्र धान की फसल से चलता है जिसमे किसान मजदूर व्यापारी सभी प्रभावित होते है। गौतम ने कहा की नहरी पानी से फसल का उत्पादन भी बढ़ता है नहरी पानी नहीं मिलने से भूमि का जलस्तर भी गिरता है साथ ही भूमि के जल से खेतों की मिट्टी भी बीमार हो गई है बारिश के पानी पर भी निर्भर नहीं रहा जा सकता क्योंकि बारिश कितनी होती है कहां होती है कुछ नही कहा जा सकता। इसीलिए नहरों में पानी की आवश्कता है अगर जल्द नहरों में पानी नहीं मिला तो किसानों को सैकड़ो करोड़ों की आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी इसीलिए प्रशासन अविलंब नहरों में पानी छोड़े ।