बजट घोषणाओं के लिए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा आभार एवं अभिनंदन समारोह
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का केंद्र रहा है, जो ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक हैं। इनमें इलेक्ट्रोपैथी की विशेष महत्ता है और राज्य सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की आभार एवं अभिनंदन सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दूरगामी निर्णय ले रही है। इसी क्रम में, राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में ही इलेक्ट्रोपैथी को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का गठन करने और प्रथम चरण में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही, इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा के संबंध में नियम बनाने की भी घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर विस्तार कर रही है। परिवर्तित बजट 2024-25 में स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वाधिक महत्व देते हुए लगभग 27 हजार 660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 8.26 प्रतिशत हिस्सा है। इससे आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रही है, जिसमें औषधीय पौधों के रस का उपयोग कर विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है। राज्य सरकार इस पद्धति के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संकल्प के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचा रही हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे भी जरूरतमंदों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा और राजस्थान इलेक्ट्रो चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमन्त सेठिया ने भी इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पर अपने विचार साझा किए। विभिन्न अंचलों से आए चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न भेंट कर बजट घोषणाओं के लिए अभिनंदन किया।