किसानों के जत्थे को शंभू बॉर्डर पर रोका, पुलिस से भिड़ंत

किसानों के जत्थे को शंभू बॉर्डर पर रोका, पुलिस से भिड़ंत

दिल्ली कूच कर रहे किसानों के जत्थे को शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया, जिसके बाद किसानों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई के दौरान कुछ किसानों के घायल होने की खबरें भी सामने आई हैं। हालांकि, बाद में किसानों ने विरोध स्थल से वापस लौटने का निर्णय लिया।

पुलिस द्वारा किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए गए थे, जिसके कारण किसानों ने अपनी यात्रा को जारी रखने का प्रयास किया। पुलिस ने सुरक्षा कारणों और दिल्ली में प्रदर्शनकारियों की आवाजाही पर नियंत्रण की आवश्यकता का हवाला देते हुए किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

किसान नेता का ट्रैक्टर मार्च का आह्वान

इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 16 दिसंबर को देशभर में ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह ट्रैक्टर मार्च पंजाब को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में होगा। साथ ही, 18 दिसंबर को पंजाब में रेलों को जाम करने का भी एलान किया है। उन्होंने यह कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं।

307 दिन से जारी है किसान आंदोलन

किसानों का विरोध प्रदर्शन अब 307वें दिन में प्रवेश कर चुका है। किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में यह आंदोलन और तेज हुआ है, और किसान संगठन अब विभिन्न प्रकार के उपायों से अपना विरोध व्यक्त करने की योजना बना रहे हैं।

सरकार और पुलिस द्वारा दिल्ली में विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के प्रयासों के बावजूद किसान अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस संघर्ष के माध्यम से वे अपनी अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हो रहे हैं, और जल्द ही होने वाले ट्रैक्टर मार्च और रेल जाम के जरिए अपनी आवाज उठाएंगे।

किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी प्रमुख मांगें, जैसे एमएसपी की गारंटी और कृषि कानूनों को वापस लेना, पूरी नहीं होतीं।